उच्चतम राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र – पीएम और सीएम की मुलाकात
New Delhi: पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीच चार महीने के बाद हुई इस मुलाकात को राजनीतिक दायरे में बड़ा महत्व दिया जा रहा है. पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को नई बिहार सरकार के गठन की बधाई दी, जबकि नीतीश ने इसका आभार व्यक्त किया.
मुलाकात की आवश्यकता
यह मुलाकात अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि नीतीश कुमार की सरकार ने 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करना है, और इससे पांच दिन पहले ही यह मुलाकात हुई है. इसके अलावा, नीतीश कुमार ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की है.
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संभावित विषय
मुलाकात में कैबिनेट विस्तार और राज्यसभा चुनाव को लेकर विचार-विमर्श होने की संभावना है. बिहार में 27 फरवरी को राज्यसभा के चुनाव होने वाले हैं, और इसके लिए छह सीटें खाली हैं. इस बीच, बीजेपी के अन्य घटक दलों को भी अपनी मनपसंद सीटें हासिल करने में दिक्कत हो सकती है.
चुनावी हलचल
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद, राजनीतिक दलों में चुनावी हलचल तेज हो रही है. तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि खेल अभी बाकी है, और उन्हें सीएम पद का ऑफर मिला है. वहीं, जीतन राम दीमांझी ने भी सीएम पद का ऑफर माना है.
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चुनावी रणनीति
2019 के चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस बार भी सीटों का बंटवारा कुछ ऐसा ही हो सकता है. अभी भी 6 सीटों के बंटवारे को लेकर मामला फंस सकता है.
मुलाकात का महत्व
नीतीश कुमार ने लंबे समय से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग की है. उनकी सरकार ने 94 लाख गरीब परिवारों को योजना के तहत धनराशि देने की योजना बनाई है, जिसके लिए राज्य सरकार को भारी आर्थिक बोझ उठाना होगा.