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Ranchi: अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी पिछली रघुवर दास को सलाह देती थी. यह कंपनी मोमेंटम झारखंड के आयोजन में भी नॉलेज पार्टनर थी. रघुवर दास सरकार ने साल 2015 में कंपनी को इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सलाहकार नियुक्त किया था. अब हेमंत सरकार के कार्यकाल में उद्योग विभाग द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इसी कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग को दोबारा नियुक्त किया गया है.
उद्योग निदेशक जीतेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि अर्नेस्ट एंड यंग को एक साल के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है. संस्था राज्य में उद्योगों के विकास को लेकर अपनी सलाह सरकार को देगी. विभाग की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की सहमति प्राप्त है.
मंत्री चंपई सोरेन ने अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी के खिलाफ दिया था कार्रवाई का आश्वासन
मोमेंटम झारखंड के आयोजन में में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता राजीव कुमार द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर (PIL) की गई. याचिका में कहा है कि मोमेंटम झारखंड का आयोजन करने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किया गया था. इसके बावजूद झारखंड सरकार को इंवेस्टमेंट से संबंधित फायदा नहीं हुआ.
पिछले साल 19 मार्च 2020 को मंत्री नगर विकास, परिवहन तथा सूचना जनसंपर्क विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए चंपई सोरेन ने विधान सभा सत्र में विधायक सरयू राय के एक सवाल के जवाब में कहा था कि मोमेंटम झारखंड में पीआर का काम देखनेवाली कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग एवं अन्य एजेंसियों की नियुक्ति में भी हुई गड़बड़ी की भी जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि साल 2015 में कंपनी को इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया था. यह कंपनी मोमेंटम झारखंड के आयोजन में भी नॉलेज पार्टनर थी. इसके बाद कंपनी इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए उद्योग विभाग के सलाहकार के तौर पर पिछले पांच वर्ष से काम कर रही थी. कंपनी का मुख्य काम सुधार के लिए कानूनों में बदलाव के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करना था.
पहले मिलता था 30 लाख हर महीने अब मिलेंगे 40 लाख
उद्योग विभाग के द्वारा इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के मुताबिक कंपनी को एक साल 15 फरवरी 2021 से 14 फरवती 2022 के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है. इस करार के अनुसार हेमंत सरकार कंपनी को हर महीने 40 लाख रुपये देगी. इसके पहले इस काम के िलिए सरकार हर महीने 30 लाख रुपये खर्च करती थी.
मुख्यमंत्री ने कंपनी के खर्च पर जताई थी आपत्ति
पिछले साल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कंपनी पर हो रहे खर्च पर आपत्ति जताई थी. इसका कार्यकाल मार्च 2020 तक ही था. उसी दौरान सीएम के यहां कंपनी के अवधि विस्तार की संचिका भेजी गई. तब मुख्यमंत्री ने विभाग से ही पूछा कि कंपनी को रखने से झारखंड को क्या लाभ हुआ है, जानकारी दी जाए. सीएम ने इस मामले में हो रहे खर्च को लेकर भी पूछा था.
बताया गया कि करीब 15 लोग उद्योग विभाग में काम करते हैं. इसके एवज में कंपनी को लगभग 30 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता है. सीएम ने इस खर्च के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कंपनी को अवधि विस्तार नहीं दिया था.
उद्योग विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अर्नेस्ट एंड यंग के 15 टीम मेंबर्स उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम में काम करेंगे. इसके लिए तीन टीमें बनाई गई हैं. टीम लीडर को प्रति माह 3.10 लाख रुपए मासिक वेतन का भुगतान किया जाएगा.
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