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Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस में में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. यह बदलाव साल 2021 के शुरूआत में दिखेगा. झारखंड प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व का कमान बदलेगा. वहीं सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री भी बदले जा सकते हैं. इन सभी बदलाव को लेकर कांग्रेस पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मंथन कर रहा है.
झामुमो नेतृत्व वाली हेमंत सरकार में कांग्रेस कोटे के चार मंत्री हैं. कांग्रेस पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मंत्री चारों मंत्रियों डॉ रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, आलमगीर आलम और बन्ना गुप्ता के पिछले एक साल के काम की समीक्षा कर रही है. इन मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड आधार पर आलाकमान निर्णय लेगा.
मंत्रियों द्वारा जनता के हित में किए गए विभागीय काम के साथ-साथ विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए किए गए कामों की समीक्षा की जा रही है. पार्टी में समय-समय पर मंत्रियों के फोन नहीं उठाने, विधायकों समेत कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने के मामले उठते रहे हैं. आलाकमान यह भी देख रहा है की चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ वादे किए गए थे, विभाग मिलने के बाद उसे कहां तक पूरा किया गया.
डॉ रामेश्वर उरांव पर दबाव हो सकता है कम
डॉ रामेश्वर उरांव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ-साथ राज्य सरकार में वित्त व खाद्य आपूर्ति मंत्री हैं. वे विभागों के साथ-साथ पार्टी संगठन का भी काम देख रहे हैं. पिछले महीने वे कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा है. ऐसे में आलाकमान संगठन के नेतृत्व के काम से मुक्त कर सकता है, ताकि उन पर दबाव कम रहे.
महिलाओं विधायकों को दिया जा सकता है मौका
नए प्रदेश नेतृत्व के साथ साथ झारखंड सरकार के कैबिनेट में कांग्रेस की महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है. प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक सांसद, विधायक और पूर्व मंत्री रेस में हैं. आलाकमान पार्टी में वैसे चेहरा को भी कमान दे सकता है जो आदिवासी क्षेत्र से हों और वर्तमान में सांसद या विधायक न हो. इससे वह पार्टी व संगठन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. वहीं कांग्रेस कोटे के एक या दो मंत्री के हटने पर महिला विधायकों को मौका मिल सकेगा.
उत्तरी छोटानागपुर से कैबिनेट में कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं है, जबकि एक मंत्री के हटने पर संथाल से भी एक कांग्रेस विधायक को मौका मिल सकता है. झारखंड सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन और मंत्री जगन्नाथ महतो के अस्वस्थ होने के बाद झामुमो कोटे के दो मंत्री पद खाली हैं, जबकि सरकार के एक मंत्री पद पर अब तक शपथ ग्रहण नहीं हो सका है. एक पद पर शुरू से कांग्रेस दावा करती रही है. ऐसे में नए साल में खरमास खत्म होने के बाद कैबिनेट विस्तार भी होने की संभावना है.