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Ranchi: झारखंड के 110 स्टार्ट अप उद्यमी सरकार की अनदेखी से मायूस हैं. इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन के अध्यक्ष रतिन भद्रा ने बताया कि झारखंड के युवा स्टार्ट अप उद्यमियों को सरकार मायूस हैं. सरकार की अनदेखी से वे इतने डिप्रेशन में हैं कि उनमें से कई आत्महत्या करने की बातें करने लगे हैं. लॉकडाउन में सभी का हालत और बदतर हो गई है. सरकार के पास इसके लिए नीति और नियम पहले से बने हुए हैं. उन्हें बस लागू करने की जरूरत है.
रतिन भद्रा ने कहा कि सरकार रोजगार को बढ़ावा देने के लिए निवेश के लिए आउटसोर्सिंग करना चाहती है. यहां के स्टार्टअप को सही प्लेटफॉर्म और सुविधा मिले तो सभी मिलकर 1 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ सकते हैं. उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव डीके तिवारी द्वारा 10 अप्रैल 2019 को जारी एक पत्र 376/सी5 का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं में स्टार्टअप्स को मौका देने की बात कही गई थी. लेकिन अभी इसे धरातल पर नहीं लाया जा सका है.
अभी के समय में कई सारे स्टार्टअप्स कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. सही दिशा, परामर्श और वित्तीय सहायता के अभाव में कई स्टार्टअप्स बंद होने के कगार पर है.
हेमंत सोरेन सरकार से उम्मीदें
इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन झारखंड के स्टार्ट अप उद्यमियों की बातों को झारखंड सरकार के सामने रखने और इससे होने वाले फायदों को अवगत कराने के लिए गठित किया गया है. झारखंड में करीब 110 स्टार्टअप्स जो कि कृषि अनुसंधान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय सहित विभिन्न प्रकार के नवाचार पर शोध करने वाले हैं. इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने की संभावना है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष रतिन भद्रा ने मौजूदा हेमंत सोरेन से आग्रह करते हुए कहा है कि अभी जरूरत सिर्फ इतना है कि योजना से जुड़े सारे स्टार्टअप्स को साधन और संसाधन मुहैया कराया जाए ताकि व्यापक स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर उसे सही तरीके से कार्यान्वित किया जा सके.
उन्होंने कहा कि आज मौजूदा सरकार कई योजनाएं ला रही हैं. ताकि झारखंड के प्रवासी मजदूरों को उन्हें अपने घर के आस-पास ही रोजगार मिल सके. राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिल सके. ऐसे में स्टार्टअप्स एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
क्या है पीएम मोदी का स्टार्ट अप योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया उद्यम शुरू करने वाले स्टार्टअप कारोबारियों के लिए 16 जनवरी 2016 को तीन साल का टैक्स अवकाश, पूंजीगत लाभ टैक्स से छूट, इंस्पेक्टर राज मुक्त परिवेश और वित्तपोषण के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने सहित कई तरह के प्रोत्साहनों की घोषणा की थी.
झारखंड में स्टार्टअप योजना और रघुवर दास
पीएम मोदी द्वारा स्टार्ट अप योजना का शुरूआत करने के बाद 19 जुलाई साल 2016 को झारखंड के तत्तकालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास कहा था कि स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम के लिए झारखंड पूरी तरह तैयार है. राज्य सरकार ने इसके लिए पहले वर्ष में 50 करोड़ का फंड बनाया है. अगले पांच वर्षों के दौरान 250 करोड़ रुपये का फंड तैयार करने की योजना है. इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है. 10 करोड़ रुपये के फंड के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी. सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, बायोटेक, शिक्षा और वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में स्टार्ट अप उद्यम को बढ़ावा दिया जाएगा.

उसके बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 16 अगस्त 2018 को झारखंड मंत्रालय में स्टार्टअप इंडिया झारखंड यात्रा 2018 के शुभारंभ किया. तब उन्होंने कहा कि झारखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है. हमारे युवाओं में काफी संभावनाएं हैं. स्टार्टअप के माध्यम से युवा न केवल व्यवसाय शुरू कर सकेंगे, बल्कि देश और दुनिया में अपनी प्रतिभा भी बिखेर सकेंगे. झारखंड सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए काफी छूट प्रदान कर रही है.