New Delhi: कोरोना महामारी के बीच लोग जहां मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं. लोग मौत और जिंदगी के बीच जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं समाज के कुछ लोग मुसीबत की इस घड़ी में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी के लिए अब एक नया हथकंडा अपनाया है.
कोरोना फाउंडेशन से पचास हजार से एक लाख रुपए तक की फर्जी कोविड सब्सिडी का झांसा देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर पीस फाउंडेशन और ऑटोबोट इंफोसेक प्राइवेट लिमिटेड की रिसर्च विंग ने ऐसे संदेशों की जांच के लिए पड़ताल शुरू की. पड़ताल में पाया गया कि इस फाउंडेशन की ओर ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है.
जांच में लिंक्स में कई खामियां मिलीं. साथ ही इसमें व्याकरण से संबंधित गलतियां भी मिलीं. दरअसल, साइबर पीस फाउंडेशन की रिसर्च विंग को ऐसा ही एक व्हाट्सएप संदेश मिला था, जिसमें कहा गया था कि क्या कोविड सब्सिडी के तौर पर 50,000 रुपए कमाना चाहेंगे.
संदेश में लिखा होता है कि सब्सिडी पाने के लिए लिंक पर क्लिक करें. इस पर जाते ही यह उपयोगकर्ता को अन्य पांच को संदेश प्रेषित करने के लिए प्रेरित करता है. इसमें आपके घर में किस-किस को कोरोना हुआ, आपका नाम और अन्य विवरण भरने के लिए कहा जाता है.
फाउंडेशन के मुताबिक इससे उपयोगकर्ता के फोटो, संपर्क, माइक्रोफोन, बैंक के विवरण सहित सारे तथ्य खतरे में आ जाते हैं. फाउंडेशन की पड़ताल में पता चला कि इस अभियान से जुड़े सारे डोमेन चीन में पंजीकृत थे. साइबर पीस फाउंडेशन ने उपयोगकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे ऐसे किसी संदेश पर भरोसा न करें और न ही ऐसे संदिग्ध लिंक पर क्लिक करें.