Ranchi: झारखंड के सभी 61 हजार पारा शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से जोड़े जाएंगे. इसका फैसला शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विभागीय समीक्षा बैठक के बाद लिया. पारा शिक्षकों को 12 फीसदी ईपीएफ की सुविधा मिलेगी. 6 फीसदी हिस्सा पारा शिक्षकों के मानदेय से लिया जाएगा. वहीं राज्य सरकार 6 फीसदी का योगदान देगी. यह योजना नये साल के पहली जनवरी 2023 से लागू होगी.
ईपीएफ के फायदे क्या होते हैं?
ईपीएफ को एंप्लाइज प्रोविंडेंट फंड (employees provident fund) कहते हैं. इसे हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि भी कहा जाता है. यदि आप किसी सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी में हैं तो जाहिर है कि आपका ईपीएफ कटना चाहिए. इसके कई फायदे हैं.
सैलरी से एक निश्चित कटौती कर उसे ईपीएफ एकाउंट में जमा किया जाता है. यह राशि संबंधित कर्मचारी को नौकरी छोड़ते वक्त अथवा सेवानिवृत्ति की स्थिति में भुगतान कर दी जाती है. ईपीएफ एकाउंट होल्डर (EPF account holder) को ईपीएफ के साथ ही पेंशन का भी लाभ मिलता है.
कर्मचारी के ईपीएफ एकाउंट EPF (account) में उसकी बेसिक सैलरी (basic salary) यानी उसके मूल वेतन+डीए की 12 प्रतिशत राशि काटकर जमा की जाती है. इतनी ही राशि संस्थान के नियोक्ता (employer) की ओर से कर्मचारी के एकाउंट में जमा किया जाता है.

ईपीएफ कटौती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि पीएफ से कर्मचारी को अतिरिक्त आर्थिक सुरक्षा (additional financial security) प्राप्त होती है. कर्मचारी इसमें लंबे समय तक पैसे जमा करता है. ऐसे में कर्मचारी जब इस पैसे को निकलता है तो एक अच्छा खासा अमाउंट (amount) उसके हाथ में आता है.
ईपीएफ राशि पर अर्जित किया गया ब्याज (interest) पूरी तरह से टैक्स मुक्त (tax free) होता है. इसके अतिरिक्त एकाउंट मैच्योर हो जाने पर निकाली गई पीएफ राशि भी टैक्स फ्री होती है.
इसमें एकाउंट होल्डर (account holder) आयकर अधिनियम (income tax act) के सेक्शन 80सी के अंतर्गत टैक्स कटौती का लाभ ले सकते हैं.
लगातार 10 वर्ष तक पीएफ में पैसा जमा करने वाले कर्मचारी पेंशन पाने के हकदार हो जाते हैं, जो उन्हें सेवानिवृत्ति (retirement) के पश्चात मिलनी प्रारंभ हो जाती है. यद्यपि 10 वर्ष से कम समय तक काम करने वाले कर्मचारी भी पीएफ के साथ ही पेंशन भी निकाल सकते हैं.
पारा शिक्षकों को रिटायरमेंट पर मिलेगा 5 लाख
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने ईपीएफ योजना से जुड़ी फाइल को मंजूरी दी. इसके लिए शिक्षा मंत्री के निर्देश पर 3000 पारा शिक्षकों की वेतन संबंधी विसंगति दूर की गई. वैसे पारा शिक्षक जो अभी पहली से 5वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं लेकिन छठी से 8वीं के लिए टेट पास किया है तो उनको समायोजित किया जाएगा.

यही नहीं! पारा शिक्षकों को कल्याण कोष का भी लाभ दिया जाएगा. यदि किसी पारा शिक्षक की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तो आश्रितों को 5 लाख रुपये मिलेंगे. सेवानिवृत्ति के बाद भी 5 लाख रुपये की एकमुश्त राशि मिल सकती है.