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Ranchi: झारखंड के पारा शिक्षकों ने स्थायीकरण, वेतनमान व अन्य मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है. इसके तहत पारा शिक्षक 15 से 19 मार्च तक विधानसभा का घेराव करेंगे. तय रणनीति के तहत प्रत्येक दिन निर्धारित जिलों के पारा शिक्षक इस घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे. इधर, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इनके बार-बार के आंदोलन को इस बार गंभीरता से लिया है.
सरकार ने निकाला पारा शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश
वर्तमान परिस्थितियों में इस घेराव कार्यक्रम को अनुचित बताते हुए स्पष्ट आदेश जारी किया है कि इस घेराव कार्यक्रम के दौरान बिना अनुमति स्कूल से गायब रहनेवाले पारा शिक्षकों की अनुपस्थिति अनधिकृत मानी जाएगी. ऐसे पारा शिक्षकों को उक्त दिन का वेतन भी नहीं मिलेगा. साथ ही उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी होगी. इसे सुनिश्चित करने का आदेश सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिया गया है.
निश्चित रूप से किसी मांग को लेकर बार-बार आंदोलन का रास्ता अपनाना ठीक नहीं है. पारा शिक्षकों के आंदोलन से बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है. कोरोना काल में वैसे ही लंबे समय तक स्कूल बंद रहे. अब शेष समय में बच्चों की शिक्षा पूरी करानी सभी की जिम्मेदारी है. जहां तक पारा शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई की बात है तो राज्य सरकार उनकी मांगों को मान चुकी है तथा आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं.
कल्याण कोष पर भी सहमति मिल चुकी है, जिससे पारा शिक्षकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएंगी. इसमें सामान्य तथा स्वास्थ्य बीमा से लेकर उनके बच्चों की उच्च शिक्षा तथा बेटी की शादी के लिए ऋण तक सुविधाएं शामिल हैं. स्थायीकरण तथा वेतनमान पर भी कार्रवाई अंतिम चरण में है तथा इसमें कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
ऐसे में पारा शिक्षकों को समझना होगा कि स्थायीकरण या वेतनमान में जो भी प्रक्रियाएं पूरी होनी है उसी में समय लग रहा है. राज्य के मुखिया भी कई बार कह चुके हैं कि पारा शिक्षकों की समस्याओं को दूर करना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में तेजी से प्रयास हो रहे हैं. ऐसे में पारा शिक्षकों को बच्चों की शिक्षा की भी चिंता करनी चाहिए. ऐसा कोई भी काम नहीं करें जिससे बच्चों का अहित हो. सरकार को भी पारा शिक्षकों से संवाद कर उन्हें सही चीजों से अवगत कराने की जरूरत है.
बीआरपी, सीआरपी भी 16 को करेंगे विधानसभा घेराव
पारा शिक्षकों के अलावा समग्र शिक्षा अभियान के तहत ही कार्यरत प्रखंड साधन सेवियों एवं संकुल साधन सेवियों ने भी 16 मार्च को विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है. स्थायीकरण व सेवा शर्त नियमावली की मांग को लेकर राज्य के लगभग तीन हजार कर्मी इस घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे. बीआरपी-सीआरपी महासंघ के पंकज शुक्ला, विनय हलधर, अमर खत्री आदि ने कहा है कि बीआरपी, सीआरपी 16 वर्षों से शिक्षा के विकास में रीढ़ की तरह कार्य करते रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी सेवा शर्त एवं नियमावली को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.
अन्य राज्यों में वेतनमान एवं सेवा शर्त नियमावली का लाभ मिल रहा है. बता दें कि पारा शिक्षकों ने भी स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर 15 से 19 मार्च तक विधानसभा घेराव का निर्णय लिया है. हालांकि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इसे अनुचित बताते हुए स्कूल से अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई का आदेश दिया है.