Ranchi: रिम्स ने पंकज मिश्रा को रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसकी सूचना रिम्स ने जेल प्रबंधन को दे दी है. रिम्स के डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें नशा मुक्ति केंद्र रेफर किया जा चुका है. उन्हें रिनपास, सीआईपी या किसी डिएडिक्शन सेंटर में इलाज कराने की आश्यकता है.
नशे के आदि हैं पंकज मिश्रा
रिम्स में भर्ती पंकज मिश्रा फोर्टविन का इंजेक्शन लेते हैं. यह सिंथेटिक नार्कोटिक दवा है, जिसका प्रयोग ऑपरेशन से पहले हल्की बेहोशी के लिए किया जाता है. पंकज मिश्रा इसे रोज रात सोने से पहले लेते हैं. पंकज मिश्रा छह साल से इस दवा का सेवन कर रहे हैं.
रिम्स की ओर से कहा गया है कि पंकज मिश्रा को पेंक्रियाज की जो शिकायत थी उसकी दवाएं चल रही हैं. जो नियमित तौर पर चलती रहेंगी. उन्हें रिम्स में रखकर इलाज करने की जरूरत नहीं है. उन्हें नशामुक्ति केंद्र की आवश्यकता है.
रिम्स के अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बिरुआ ने बताया कि पंकज मिश्रा का डिस्चार्ज स्लिप बनकर तैयार हो चुका है और जेल प्रशासन को भी इसकी जानकारी 24 घंटे पहले ही दे दी गई है. उम्मीद है कि जल्दी उन्हें यहां से वह ले जाएंगे. इससे पहले भी मेडिकल बोर्ड के रेफर करने के बाद जेल प्रशासन पंकज मिश्रा को लेने के लिए रिम्स पंहुची थी लेकिन पंकज मिश्रा ने कुछ बीमारी की वजह से अपने आप को जाने में असमर्थता जताई थी.
रिम्स में भर्ती के बाद कई विवादों में रहे पंकज
रिम्स में भर्ती होने के बाद पंकज मिश्रा कई बार विवादों में भी रह चुके हैं. ईडी को छानबीन में पता चला है कि रिम्स में इलाजरत रहने के दौरान पंकज मिश्रा ने जेल मैनुअल की खुलकर धज्जियां उड़ाई और 27 जुलाई के बाद उसने विभिन्न व्यक्तियों से 300 बार बातचीत की.
नौकरशाह से लेकर नेताओं तक को उसने फोन किया। काम कराने के लिए धमकाने से लेकर केस मैनेज कराने तक के लिए भी उसने काल किया था। धीरे-धीरे इससे जुड़े एक-एक तह खुलते जा रहे हैं।
ईडी ने यह खुलासा तब किया, जब उसे पता चला कि पंकज मिश्रा रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत रहते हुए फोन पर सबके संपर्क में है. इसके बाद ईडी ने औचक निरीक्षण में अक्टूबर महीने में पंकज मिश्रा के वार्ड में उसके दो चालक सूरज पंडित व चंदन को पकड़ा, जो अपने मोबाइल से पंकज मिश्रा की साहिबगंज के डीसी-एसपी से बात करवा रहे थे.
पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का विधायक प्रतिनिधि है, जिसे ईडी ने इसी वर्ष गत 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था. उसे 25 जुलाई को बीमार हालत में न्यायिक हिरासत में ही रिम्स में भर्ती कराया गया था, जहां अब भी वह इलाजरत है.