Ranchi: शहर के आदिवासी संगठन राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले से आहत हैं. रांची नगर निगम चुनाव में महापौर के पद से आदिवासी आरक्षण हटाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है. इसका विरोध आदिवासी संगठन कर रहे हैं.
विरोध में कई संगठनों के द्वारा रांची स्थित राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया.
आदिवासी संगठनों का कहना है कि क्षेत्र पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आता है. नगर पालिका चुनाव सामान्य चुनाव किया जा रहा है, जबकि मेसा कानून तहत लागू होनी चाहिए थी. लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा अभी तक कानून नहीं बनाया गया है.
डब्लू मुंडा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 जेडसी के प्रावधानों के आलोक में केंद्र सरकार नगर शहर क्षेत्र के लिए नगर पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्र विस्तार अधिनियम बनाया जाये. ताकि राजय सरकार नगर पालिकाओं के लिए अधिनियम बनाया जा सके.
17 नवंबर 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग, झारखण्ड द्वारा अधिसूचना संख्या – 3, निं सं- 175/2012 के ज्ञापन संख्या – 2558 के द्वारा नगरपालिका sedule area में आदिवासी आरक्षित सीटों को गैर-आदिवासी के लिए सीट आरक्षित करने पर आदिवासी समाज आक्रोशित हैं, ये धीरे-धीरे शड्यूल क्षेत्रों में सेंधमारी हो रहा है.
5वीं अनुसूची क्षेत्र होने के बावजूद नगर पालिका/परिषद् एकल पद पर गैर आदिवासियों के लिए आरक्षित किया जा रहा है. लेकिन इस संदर्भ में अभिलंब राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सभी आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल एवं संगठन के लोग मिलेंगे.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, लक्ष्मीनारायण मुंडा, प्रेम शाही मुंडा, निरंजना हेरेंज, बबलू मुंडा, अजय कच्छप, कुंदर्शी मुंडा, राहुल उरांव, अजीत उरांव, अभय भुट कुवर, डब्लू मुंडा आदि शामिल हुए.
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