Tawang (Arunachal Pradesh): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी पर अरूणाचल प्रदेश के तवांग पहुंचकर शस्त्र पूजा की. इसके पहले रक्षा मंत्री ने तवांग युद्ध स्मारक पर अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी.
तवांग में भारतीय सेना को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “4 साल पहले मैं यहां आया था, मेरी इच्छा हुई कि विजयादशमी के पावन अवसर पर मैं अपने बहादुर जवानों के बीच आकर शुभकामनाएं दूं.
रक्षामंत्री ने कहा, ‘मैं आप सभी को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. PAC के पास तक जाकर मैंने देखा है, जिन कठिन परिस्थितियों में आप देश की सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “आप ने सीमाओं को सुरक्षित बना रखा है इसी कारण भारत की अंतर्राष्ट्रीय जगत में प्रतिष्ठा बड़ी तेजी से बढ़ रही है… अगर आप लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित नहीं रखा होता तो अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत का आज जो कद बना है, ये कद न बना होता. लोग ये मान रहे हैं कि भारत आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहा है साथ ही भारत की सैन्य शक्ति भी बढ़ी है.”
तवांग में विजयादशमी का महत्व
तवांग में विजयादशमी का विशेष महत्व है क्योंकि यह क्षेत्र एक सैन्य क्षेत्र है. तवांग में तैनात भारतीय सेना के जवान इस दिन शस्त्र पूजा करते हैं. वे अपने शस्त्रों को साफ करते हैं और उन्हें फूलों, फल, और मिठाइयों से सजाते हैं. एक ब्राह्मण को शस्त्रों की पूजा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
शस्त्र पूजा के अलावा, तवांग में विजयादशमी के दिन कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इनमें शामिल हैं:
- रामलीला: रामलीला एक पारंपरिक नाटक है जो भगवान राम की कहानी को दर्शाता है. तवांग में, रामलीला का मंचन कई दिनों तक होता है.
- रावण दहन: रावण दहन एक समारोह है जिसमें रावण का पुतला जलाया जाता है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
- आतिशबाजी: विजयादशमी के दिन, लोग आतिशबाजी का आनंद लेते हैं.
तवांग में विजयादशमी एक उत्सव का दिन है जो लोगों को एक साथ लाता है. यह एक दिन है जब लोग भगवान राम की पूजा करते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं.
तवांग में विजयादशमी के कुछ विशेष महत्व निम्नलिखित हैं:
- यह एक सैन्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण त्योहार है.
- यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
- यह लोगों को एक साथ लाता है और एक खुशी का दिन है.
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा क्यों की जाती है
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का मुख्य उद्देश्य शस्त्रों का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है. विजयादशमी को दशहरा भी कहा जाता है, जो भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है. इस दिन, भगवान राम ने अपने धनुष-बाण से रावण का वध किया था. शस्त्र पूजा से शस्त्रों को पाप और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त किया जाता है और उन्हें शुद्ध और शक्तिशाली बनाया जाता है.
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का एक और उद्देश्य यह है कि यह हमें याद दिलाता है कि अच्छे के लिए लड़ना और बुराई पर विजय प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. शस्त्र पूजा से हमें दृढ़ संकल्प और साहस प्राप्त होता है ताकि हम अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें.
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा करने के लिए, शस्त्रों को साफ किया जाता है और उन पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, और घी का अभिषेक किया जाता है. इसके बाद, शस्त्रों को फूलों, फल, और मिठाइयों से सजाया जाता है. अंत में, एक ब्राह्मण को शस्त्रों की पूजा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा करने से हमें शस्त्रों का सम्मान करने और उन्हें बुराई से बचाने में मदद मिलती है. यह हमें दृढ़ संकल्प और साहस भी प्रदान करता है ताकि हम अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें.
विजयादशमी पर शस्त्र पूजा करने के लाभ
- शस्त्रों को पाप और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है
- शस्त्रों को शुद्ध और शक्तिशाली बनाता है
- हमें दृढ़ संकल्प और साहस प्रदान करता है
- हमें बुराई पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है