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कोरोना पर चीन फेल: लाशों के ढेर लगे, अब मौतों के आंकड़े जुटाने ही बंद किए

कोरोना पर चीन फेल: लाशों के ढेर लगे, अब मौतों के आंकड़े जुटाने ही बंद किए

New Delhi: तीन साल तक लॉकडाउन के सहारे कोरोना रोकने की नीति पर चल रहे चीन के सभी प्रयास फेल हो गए हैं. लॉकडाउन खुलते ही अस्पतालों में लाशों के ढेर लगने लगे हैं. संक्रमण के इस विस्फोट के पीछे ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 है.

भारत में भी ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 मिलता रहा है. बीजिंग के जियोथॉन्गशन मेडिकल रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञ डॉ. ली थोंग्जेंग का कहना है कि यह वैरिएंट वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को चकमा दे रहा है. लेकिन, पहले संक्रमित हो चुके लोगों को खतरा नहीं है. उन्हें संक्रमण हो भी रहा है तो वे बीमार नहीं पड़ रहे.

जिन लोगों में संक्रमण के जरिए नेचुरल इम्यूनिटी आ चुकी है, उन्हें कोई खतरा नहीं है. लेकिन, समस्या यह है कि ऐसे लोग चीन में सिर्फ 15% हैं. जबकि, भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक साल में. जब-जब भी देश में सर्वे कराए गए तो पता चला. कि 95% आबादी में एंटीबॉडी मिले हैं. यानी वे कभी न कभी संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में भारत में संक्रमण का खतरा फिलहाल तो नजर नहीं आ रहा.

भारत में 60% आबादी को बूस्टर, हाइब्रिड इम्यूनिटी भी आ चुकी; पर सतर्कता जरूरी

चीन में हालात बिगड़ेंगे; भारत में खतरा नहीं: क्योंकि यहां 95% आबादी इम्यून
जबकि, चीन में सिर्फ 15% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी हैं

ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 कितना खतरनाक: सवाल-जवाब

भारत में खतरा नहीं होने का आधार क्या है?

क्योंकि, भारत में 90% आबादी को वैक्सीन लग चुकी है. 18 साल से ज्यादा उम्र के 60% लोग बूस्टर भी लगवा चुके हैं. 70% आबादी हाइब्रिड इम्युनिटी हासिल कर चुकी है. जबकि, चीन में ऐसा नहीं है. वहां तो अभी पहली ही लहर शुरू हुई है. भारत में ऐसी तीन लहरें गुजर चुकी हैं. भारत अभी खतरे से बाहर है.

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पर सरकार तो कह रही है कि मास्‍क लगाना शुरू कर देना चाहिए?

यह सिर्फ सतर्कता के लिए है. दरअसल, वायरस के लिए हर व्यक्ति का शरीर एक प्रयोगशाला होता है. वह हर बार म्यूटेट होता है. देश में जब डेल्टा की वजह से लहर आई थी तो उसकी सबसे बड़ी वजह भी हमारा सतर्कता नहीं बरतना था.

सरकार को क्या करना होगा?

ज्यादा से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग करनी होगी. समय रहते नए वैरिएंट की पहचान होगी. चीन व आसपास के देशों जैसे ताइवान, सिंगापुर, फिलीपींस आदि से आने वाले यात्रियों पर फोकस बढ़ाना चाहिए.

चीन में संक्रमण की शुरुआत भर है, तो क्या भारत में सतर्क रहना होगा?

बिलकुल. क्योंकि, वायरस म्यूटेट होता रहेगा. इसमें एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है. इसलिए हमें लंबे मास्क शुरू कर देने चाहिए. यह सिर्फ सतर्कता के लिए है. समय तक सतर्क रहना ही होगा.

केंद्र के अहम फैसले

  • विदेश से आने पर रेंडम सैंपलिंग, राज्यों को कहा- मास्क लागू करने पर विचार करें
  • जिस इलाकों में नए मरीज ज्यादा मिलने लगे, वे कलस्टर बनेंगे. आइसोलेशन बढ़ेगा.
  • विशेषज्ञों की टीम दो दिन में रिपोर्ट देगी कि विदेश से आने वाले लोगों के लिए क्या प्रोटोकॉल होना चाहिए.
  • बस सतर्क रहना है. लॉकडाउन नहीं लगेगा.

केंद्र बोला- कांग्रेस यात्रा रोके, कांग्रेस ने कहा- नहीं रोकेंगे

स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने पत्र लिखा- ‘कांग्रेस को सुनिश्चित करना होगा कि सिर्फ वैक्सीन ले चुके लोग ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हों. गाइडलाइंस का पालन नहीं कर सकते तो यात्रा स्थगित कर दें. जवाब में कांग्रेस ने कहा यात्रा श्रीनगर में तिरंगा फहराने के बाद ही रुकेगी.

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सर्वेः 70% भारतीय चाहते हैं- चीन से आने वाली उड़ानें रोक दी जाएं: लोकल सर्किल के सर्वे के अनुसार, 70% भारतीयों का मानना है कि चीन से हवाई यात्राओं पर तत्काल रोक लगा देनी चाहिए. केंद्र सरकार ने बताया है कि चीन में सक्रिय बीएफ. 7 वैरिएंट के 4 केस भारत में भी मिले हैं.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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