Ranchi : आज 18 अगस्त को Ranchi के रेडियम रोड स्थित होटल Akola के सभागार में झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की कोर कमिटि की बैठक आयोजित किया गया . इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष Maheshwar Sahu एवं संचालन प्रधान महासचिव Birendra Kumar ने किया . यह बैठक कोविद-19 के गाईड लाईन के आलोक में किया गया.
बैठक में ओबीसी को 27% आरक्षण देने, बजरा ग्राम के मूल खतियानी रैयतों की जमीन वापसी, छोटे व्यवसायियों- दुकानदारों की 10 लाख रु तक ऋण माफी एवं कोरोना महामारी से मृत परिवार वालों सरकारी मुआवजा देने की मांग को लेकर 31अगस्त को रांची में होने वाले ‘न्याय करो-अधिकार दो पैदल मार्च’ की तैयारी पर चर्चा की गयी.
चर्चा में कहा गया कि उपरोक्त मुद्दों को लेकर वैश्य मोर्चा द्वारा कई बार माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, महामहिम राज्यपाल एवं सत्ताधारी कई मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक कुछ भी सकारात्मक परिणाम नहीं होता दिख रहा है. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है.इससे सरकार के प्रति आम जन मानस में आक्रोश पैदा हो रहा है.
बैठक में साफ कहा गया कि अगर राज्य में कानून का राज है और लोकतंत्र जिन्दा हैं तो माननीय मुख्यमंत्री श्री Hemant Soren से आग्रह है कि रांची के हेहल अंचल के बजरा ग्राम में खतियानी रैयतों की जमीन लूट कर फर्जी लोगों द्वारा कराये जा रहे अवैध निर्माण कार्य को रोका जाये और रांची के उपायुक्त श्री Chavi Ranjan को हटा कर हाईकोर्ट के किसी सीटिंग जज या विधायकों की एक कमिटि से जांच करा ली जाए. जांच में दुध का दुध, पानी का पानी हो जाएगा. क्योंकि वर्तमान उपायुक्त के पद में रहते हुए मूल खतियानी रैयतों को न्याय नहीं मिल सकता है.
बैठक में कहा गया कि अब आन्दोलन ही रास्ता बचता है, जो लोकतंत्र में आम लोगों का संविधानिक अधिकार है. इसलिए 31 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के प्रतिमा स्थल से अर्ल्बट एक्का चौक तक पैदल मार्च निकाला जाएगा और अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. इस मुद्दे को लेकर वैश्य मोर्चा ने कई विधायकों को भी ज्ञापन सौंपा गया है.