New Delhi: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के नतीजे आ चुके हैं. भारत की जनता ने दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को देश की सत्ता प्रचंड बहुमत के साथ सौंप दी है.
इस बार विपक्ष ने बीजेपी (BJP) के खिलाफ मुसलमानों का वोट पाने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया था. यही वजह है कि 2014 की तुलना में इस बार लोकसभा जाने वाले मुस्लिम सांसदो की संख्या बढ़ गयी है.
2019 लोकसभा चुनाव में कुल 27 मुस्लिम सांसद लोकसभा जा रहे हैं. 2014 में कुल 23 मुस्लिम सांसद बने थे.
उत्तर प्रदेश में सपा बसपा का गठबंधन भले ही सफ़ल ना रहा हो लेकिन, ये महागठबंधन उत्तर प्रदेश से 6 मुस्लिम सांसदों को जिताने में कामयाब रहा है.
2014 चुनाव में यूपी से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं था, नतीजों में सपा के आजम खान रामपुर से, बसपा से कुंवर दानिश अली अमरोहा से, बसपा से ही अफ़ज़ल अंसारी गाजीपुर से, डॉ एसटी हसन मुरादाबाद से, हाजी फजलुर्रहमान सहारनपुर से और डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क संभल ये जीतने में क़ामयाब रहे हैं.
असम से भी दो मुसलमान सांसद संसद भवन जा रहे हैं. AIUDF के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं और असम से अब्दुल खालिक भी संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं.
केरल से दो और पश्चिम बंगाल से 4 नुसरत जहां रुही, खलीलुर्रहमान, साजिद खान और अबू ताहिर ने जीत हासिल की है.
हैदराबाद से AIMIM के प्रमुख असादुद्दीन ओवैसी ने हर बार की तरह इस बार भी बड़ी जीत हासिल की है. वहीं AIMIM के ही टिकट पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इम्तियाज़ जलील ने जीत दर्ज की है.
हम्मद फैजल लक्ष्यद्वीप से जीते हैं, मोहम्मद सादिक पंजाब से जीते हैं, वहीं जम्मू कश्मीर से फारूख अब्दुल्ला समेत 3 मुस्लिम सांसद बने हैं.
NDA से सिर्फ एक मुसलमान सांसद जीते हैं बिहार से महमूद अली कैसर जेडीयू के टिकट पर जीते हैं. वहीं तमिलनाडू से भी एक सासंद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के टिकट पर नवाज कानी लोकसभा पहुंचे हैं.
पिछले अगर 4 लोकसभा चुनावों पर नज़र डालें तो सबसे ज़्यादा 2004 में 34, 2009 में 30 और 2014 में 23 मुस्लिम लोकसभा पहुंचे थे. भारतीय चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा 49 मुस्लिम सांसद 1980 में संसद पहुंचे थे.