Patna: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने रविवार को पटना में एक बैठक में नीतीश कुमार को अपना नेता चुना. जिसके बाद 69 वर्षीय नीतीश कुमार के एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया. बिहार में सरकार बनाने की रूपरेखा तय करने के लिए एनडीए की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
एनडीए की बैठक नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास 1, एनी मार्ग, पटना में आयोजित की गई थी. इस बैठक में बीजेपी की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे. एनडीए नेताओं ने आगे फैसला किया कि सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री होंगे और शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को 11:30 बजे होगा. अब वह गवर्नर हाउस में सरकार बनाने के दावे के लिए जाएंगे.
एनडीए की बैठक से पहले, कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने कुमार को विधायक दल का नेता चुना था. भारतीय जनता पार्टी (BJP), जिसने NDA के हिस्से के रूप में JD (U) के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था, उसने वादा किया था कि यदि महागठबंधन चुनावी लड़ाई जीतता है तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे. विकासशील इन्सान पार्टी (VIP) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) बिहार में NDA के अन्य घटक थे.
चुनाव में भाजपा ने 74 सीटें जीतीं, वहीं जद (यू) ने 43 सीटें हासिल कीं. आठ सीटें एनडीए के अन्य दो सीटों से जीतीं. एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 125 सीटें जीतकर आधे का आंकड़ा पार कर लिया था.
नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राज्य के राज्यपाल फगू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था ताकि नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सके.
इससे पहले, गुरुवार को मीडिया बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा था कि इस साल का चुनाव उनका आखिरी नहीं था और उनकी टिप्पणियों की गलत व्याख्या की गई थी. उन्होंने कहा, “मैंने रिटायरमेंट के बारे में बात नहीं की. मैं हमेशा हर चुनाव में आखिरी रैली में यही बात कहता हूं कि यदि आप आगे और पीछे का भाषण सुनते हैं, तो सब कुछ स्पष्ट हो जाता.’