Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भोजपुरी मगही भाषा को लेकर दिए गए बयान को लेकर पहली बार अपना मुंह खोला है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड बिहार के लोगों को एक-दूसरे के प्रति सम्मान है प्रेम है. दोनों भाई-भाई हैं. उन्होंने हालांकि कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि ऐसे बयानों से अगर किसी को राजनीतिक लाभ लेना है ले लें.
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार तो एक ही था. बाद में झारखंड अलग हुआ.
उन्होंने कहा, बिहार के लोगों को झारखंड के प्रति पूरा प्रेम है. झारखंड के लोग भी बिहार वालों को पसंद करते हैं. बिहार के लोगों की झारखंडवासियों के प्रति गलत भावना नहीं है, लोग श्रद्धा रखते हैं. बिहार-झारखंड एक ही परिवार के हैं. पता नहीं लोग क्यों बोलते हैं. लोग राजनीति को ध्यान में रखते हुए बोलते रहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड के लोग बिहार की भाषा नहीं बोलते हैं? बिहार में रहने वाले लोग झारखंड की भाषा नहीं बोलते हैं? इन सब बातों के विषय में सोचना नहीं चाहिए. नीतीश ने कहा कि अगर इसका किसी को लाभ मिलता है तो वो ले, हम तो इस तरह की बातों के बारे में नहीं सोचते. हम लोगों के मन में झारखंड के प्रति प्रेम सम्म्मान का भाव है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि भोजपुरी मगही भाषा झारखंड की नहीं बिहार की है. झारखंड का बिहारीकरण किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा.
नीतीश ने कहा, जिस वक्त बिहार झारखंड अलग हुए थे, तब यहां के लोगों में मायूसी थी. लोग कहते थे कि झारखंड अलग हो गया तो बिहार बर्बाद हो गया. लेकिन देख रहे हैं न, बिहार में कितना विकास हुआ.
मुख्यमंत्री ने कोरोना टीकाकरण की चर्चा करते हुए कहा कि छह महीने में छह करोड़ टीका देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब ज्यादा करेंगे. उन्होंने केंद्र सरकार की भी तारीफ करते हुए कहा कि जितनी वैक्सीन मिलनी चाहिए, वह मिल रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर एक दिन में 33 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया गया.