नागालैंड में बड़ी राजनीतिक उठा पटक देखने को मिल रही है. यहां JDU का एक मात्र निर्वाचित विधायक ने भी बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार को बिना शर्त समर्थन दे दिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि एक तरफ नीतीश कुमार देश में विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एक कर रहे हैं. दूसरी तरफ, उनके विधायक ऐसे गठबंधन को समर्थन दे रहे हैं जिसमें भाजपा सबसे बड़ी घटक. ऐसे में बिहार की राजनीति में फिर से उठा पटक होने के कयास जोर से लगाये जा रहे हैं.
नीतीश कुमार के मनसूबे पर फिरा पानी
जदयू काफी समय से राष्ट्रीय पार्टी बनने के अपने दावों को मजबूत करने में लगी हुई थी. हालांकि, नागालैंड में उसके पार्टी के एक मात्र विधायक के दिए झटके से ये सपना टूट गया है. गौरतलब है कि जदयू ने चुनाव में कुल मचदान का 6 प्रतिशत वोट पाने का लक्ष्य रखा था. इससे उसे राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो जाता. मगर पार्टी इस तरफ से भी मुंह की खा चूकी है. जदयू ने तसेमिनयु विधानसभा क्षेत्र से जवेंगा सेब को टिकट दिया था. उन्होंने वहां अच्छी जीत हासिल की. मगर, अब पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ गयी है.
पहले चिराग ने दिया था झटका
चुनाव से पहले चिराग पासवान ने जदयू को बड़ा झटका दिया था. उन्होंने पार्टी के कुछ उम्मीदवार और बड़ी संख्या में नेताओं को अपनी पार्टी में मिला लिया था. चुनाव में जदयू से चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था.
पार्टी ने मजबूती से दो सीटों पर जीत दर्ज की और आठ प्रतिशत से ज्यादा वोट भी पाया था. ऐसे में बड़ी बात ये है कि एक तरफ नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने की बात कर रहे हैं. वहीं, उनके पार्टी के विधायक बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं.