Patna: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक नंदकिशोर यादव बिहार विधानसभा के नए स्पीकर होंगे. नंदकिशोर यादव ने पटना साहिब विधानसभा से लगातार सातवीं बार जीत हासिल की है. नंदकिशोर यादव बिहार बीजेपी के बड़े नेता हैं. नंदकिशोर यादव पिछली बार नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण मंत्री की जिम्मादारी संभाल रहे थे. पिछली बार स्पीकर का पद जेडीयू नेता विजय चौधरी के पास था जिनको इस बार मंत्री बना दिया गया है.
बिहार में एनडीए को बहुमत तो मिला है लेकिन एनडीए के पास सरकार गठन के लिए जरूरी 122 विधायकों से मात्र 3 विधायक ही ज्यादा हैं. इस लिहाज से भविष्य में सरकार की स्थिरता को देखते हुए स्पीकर की भूमिका अहम रहने वाली है. सरकार में सीनियर पार्टनर बीजेपी स्पीकर जैसे अहम पद को अपने पास रखना चाहती है और किसी मंजे हुए नेता को स्पीकर का पद देना चाहती है. इसी को देखते हुए नंदकिशोर यादव को स्पीकार की जिम्मेदारी दी जा रही है.
इस चुनाव में नंदकिशोर यादव का सीधा मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीण कुशवाहा से था. नन्द किशोर यादव ने कांग्रेस के प्रवीण सिंह को 18,662 वोटों से हराया है. आखिरी राउंड की गिनती के बाद नंद किशोर यादव को 91157 वोट और प्रवीण सिंह को 72,595 वोट मिले थे.
कर्नाटक और मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस के दौरान स्पीकर की भूमिका काफी अहम रही है. इस दौरान स्पीकर के संवैधानिक अधिकारों का बीजेपी ने अपने पक्ष में इस्तेमाल किया है. इस बात की पहले से संभावना था कि स्पीकर का पद बीजेपी अपने पास रखेगी. इसी लिहाज से विजय कुमार चौधरी को कैबिनेट में शामिल किया गया है.
नंद किशोर यादव ने छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में समाज की सेवा-यात्रा शुरू करने वाले नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफरनामा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद प्रारंभ हुआ. पटना नगर निगम के पार्षद चुने जाने से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा आज इस मुकाम तक पहुंची है.
नंदकिशोर न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि इसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न पदों का सफल निर्वहन करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तक पहुंचे. लगातार छह बार अपने गृह क्षेत्र पूर्वी पटना (बाद में पटना साहिब) विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हो चुके हैं.
नंद किशोर यादव का जन्म 26 अगस्त 1953 को हुआ. उनके पिता का नाम स्व. पन्ना लाल यादव और मां का नाम स्व. राजकुमारी यादव हैं. उनके परदादा स्व. झालो सरदार, अपने समय के एक प्रसिद्ध जमींदार थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्हें शेर पालने का शौक था. उनके दादा स्व. रामदास यादव को पक्षियों का शौक था. नंदकिशोर यादव अक्सर यह कहते है कि हम शेर से चिड़ियों पर आ गये. नन्दकिशोर का पुश्तैनी घर गोलकपुर (महेन्द्रू) में था, जहां आज पटना लॉ कॉलेज का छात्रावास है. नंदकिशोर यादव दसवीं के बाद स्नातक की पढ़ाई शुरू की पर बीच में ही छोड़नी पड़ी.