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मुंबई दंगों का आरोपित 30 साल बाद निर्दोष बरी

मुंबई दंगों का आरोपित 30 साल बाद निर्दोष बरी

Mumbai (Agencies): मुंबई में 1993 के दंगों के आरोपित को मुंबई की एक विशेष कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए कुलकर्णी ने सबूत के अभाव में निर्दोष बरी करने का आदेश जारी किया है. मुंबई पुलिस ने दंगों के बाद से फरार आरोपित शिवपूजन राजभर (46 साल) को पकड़कर 28 मार्च, 2023 को विशेष कोर्ट में पेश किया था.

जानकारी के अनुसार, 06 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid demolition on 06 December 1992) से मुंबई में दंगे भड़क गए थे. मुंबई पुलिस ने 1993 में शिवपूजन राजभर (Shivpurjan Rajbhar) सहित दस से ज्यादा लोगों के खिलाफ दंगे में शामिल होने का मामला दर्ज किया था. इसी मामले में पुलिस ने कोर्ट में शिवपूजन राजभर के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था.

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि राजभर 30 साल पहले हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान लगभग 300 से 400 लोगों की भीड़ का हिस्सा थे, जो एक-दूसरे पर पत्थर और कांच की बोतलें फेंकने में लगे थे. उस समय भीड़ अनियंत्रित और आक्रामक थी और उसने घटनास्थल पर एक पुलिस कांस्टेबल की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया. भीड़ जलती गेंदों और ट्यूबलाइटों को फेंक रही थी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आखिरकार हवा में गोलियां चलाईं.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए कुलकर्णी ने कहा कि यह सब तीन गवाहों और दो पुलिस कर्मियों के आधार पर कहा जा रहा है. लेकिन इस मामले में किसी ने आरोपित राजभर की पहचान नहीं की है. इसके बाद कोर्ट ने चार मई को हुई सुनवाई में राजभर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था. विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध कराया गया. इस मामले के अन्य आरोपियों में से अधिकांश को पहले ही बरी किया जा चुका है.

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