उम्र के आज हर उस मोड़ पे,

जो साथ तुम्हारा सब छोड़ दे;
इस हालत में सहारा जो होती है.
हां मां, बस मां ही तो वो होती है..
जो सकूं ना मिले शहर में गाँव में,
वो राहत उसके आंचल के छांव में;
हर आशा की आसरा जो होती है.
हां मां, बस मां ही तो वो होती है..
या दुःख में रहूं या रहूं प्यार में,
जीवन के इस बीच मंझधार में;
हर तूफ़ां का किनारा जो होती है.
हां मां, बस मां ही तो वो होती है..