Moon Mission of India: भारत का चंद्रयान-3 मिशन अपने अंतिम स्टेज पर है. मून के साउथ पोल पर ‘विक्रम लैंडर’ के सॉफ्ट लैंडिंग के ठीक पहले इसरो ने चंद्रमा की नई तस्वीरें जारी की हैं. भारतीय स्पेस एजेंसी ने लैंडर मॉड्यूल (LM) विक्रम के ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ (LHDAC) द्वारा ली गई ताजा तस्वीरों को जारी किया है. ये तस्वीरें चांद के उस इलाके की हैं, जो हमेशा ही पृथ्वी से ओझल रहता है.
LHDAC कैमरा क्या है?
Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर (Vikram) पर मौजूद LHDAC कैमरा को इसरो के अहमदाबाद स्थित ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’ (एसएसी) ने डेवलप किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कैमरा उन इलाकों की पहचान करने में मदद करता है, जो लैंडिंग के लिए सेफ हैं और जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं हैं..
रूस नाकाम, अब भारत इकलौता दावेदार
Chandrayaan-3 मिशन की तरह ही रूस ने भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 (Luna 25) नाम से मिशन रवाना किया था. रविवार को रूस के मून मिशन को बड़ा झटका लगा. रूसी स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह से टकराकर क्रैश हो गया.
रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने रविवार को बताया कि उसका लूना-25 स्पेसक्राफ्ट अनियंत्रित कक्षा (uncontrolled orbit) में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बीते 47 साल में यह रूस का पहला मून मिशन था. आखिरी बार उसने 1976 में चांद पर लूना-24 मिशन भेजा था. तब वह सोवियत यूनियन का हिस्सा था.
रूस के नाकाम होने के बाद अब भारत इकलौता दावेदार रह गया है, जो चांद पर अपना मिशन लैंड कराने की कोशिश करेगा. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वो इलाका है, जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका है. अगर भारत इसमें कामयाब होता है, तो यह दुनिया की पहली घटना होगी. योजना के अनुसार, भारतीय स्पेस एजेंसी 23 अगस्त की शाम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगी.