Jaisalmer (Rajasthan): पर्यटन विभाग और जैसलमेर जिला प्रशासन द्वारा विश्व विख्यात मरू महोत्सव का आगाज़ ऐतिहासिक, आधुनिक और काल्पनिक थीम के साथ शुरू हुआ. सोनार दुर्ग से स्थानीय विधायक रूपाराम धनदेव तथा जिला कलेक्टर टीना डाबी ने हरी झंडी दिखाकर शरूआत की. फेस्टीवल की औपचारिक शुरुआत पोखरण से हुई. मरू महोत्सव का आधिकारिक शुभारम्भ शुक्रवार को पीत पाषाणों के शहर जिसे दुनिया गोल्डन सिटी जैसलमेर के नाम से जानती है से हुआ.
सुबह साढ़े आठ बजे नगर आराध्यदेव भगवान लक्ष्मीनाथ के मंदिर में आरती के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई. इसके बाद सोनारदुर्ग से शोभा यात्रा निकाली जो शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई शहीद पूनम सिंह स्टेडियम पहुंची. बीएसएफ के सजे-धजे ऊंट व इन पर सवार बीएसएफ के जांबाज, केमल माउण्टेन बैंड वादकों का समूह, मंगलकलश लिए बालिकाएं, लोक कलाकारों का कारवां दुर्ग से निकल कर मुख्य मार्ग से होता हुआ शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंच कर शानदार समारोह में परिवर्तित हुआ.
बीएसएफ के बांके जवान शाही पोषाक में अपने हाथों में भाले लिए हुए बांके जवान, सजे-धजे ऊंटों पर सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहे एवं देशी-विदेशी सैलानियों ने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद किय।शोभायात्रा में श्रृंगारित ऊंटों पर सवार रौबीले मरु श्री एवं इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी, मिस ऊंट एवं ऊंट गाड़ों पर सवार पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित मिस मूमल एवं महेन्दा के प्रतियोगी और विभिन्न झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं. लोक कलाकारों के कई जत्थों ने रास्ते भर लोक नृत्यों और लोक वाद्यों से लय-ताल की धूम मचाते हुए मरु संस्कृति और राजस्थानी परंपराओं का दिग्दर्शन कराया.