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Ranchi: नेता विधायकदल व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में बाबूलाल मरांडी ने पुलिस पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
भाजपा सांसद व विधायक पर एफआईआर का विरोध
बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में डीजीपी से कहा है कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी, राज्य के पुलिस प्रशासन के भेदभावपूर्ण रवैये का कड़ा प्रतिवाद करती है. आपके संज्ञान में अवश्य होगा कि रांची पुलिस ने विगत दिनों किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा द्वारा हुए खेतों में धरना प्रदर्शन के बाद कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी बनाए जाने वालों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश एवम कांके क्षेत्र के विधायक समरी लाल का भी नाम शामिल है. जिन्होंने कांके प्रखंड के सुकुरहुटू में खेतों में उतरकर धरना का नेतृत्व किया था.
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि सत्तापक्ष अपने खिलाफ हो रहे विपक्षी आंदोलन को दबाने और धमकाने के लिए पुलिस तंत्र का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग कर रहा है. यह बात और पुख्ता तब हो जाती है जब राज्य की पुलिस का दोहरा चरित्र उजागर होता है.
एक तरफ राज्य की सत्ता में भागीदार दल कांग्रेस और राजद जब कोई आन्दोलन या कार्यक्रम करते हैं वहां कोविड नियमो के उल्लंघन पर पुलिस प्रशासन मौन साध लेता है. जिसके कई उदाहरण मीडिया में सार्वजनिक हुए हैं.
कांग्रेस व राजद के मंत्री-विधायकों पर कार्रवाई क्यों नहीं
विगत 11 जून को कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष एवम राज्य सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव जी के नेतृत्व में पेट्रोल डीज़ल के दामों के सवाल पर कोविड प्रोटोकॉल का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन करते हुए पेट्रोल पंपों पर धरना दिया. जिसमें पार्टी के प्रवक्ता आलोक दुबे, लाल राजकिशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए.
इसी प्रकार 11जून को ही चतरा में राज्य सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भीड़भाड़ के बीच हॉल में अपने पार्टी के नेता लालूप्रसाद जी का जन्मदिन केक काटकर मनाया.
19 जून को कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी का जन्म दिन भी रांची में कोविड नियमो का घोर उल्लंघन करते हुए मनाया गया. जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक बंधु तिर्की, दीपिका पांडेय सिंह, कुमार जयमंगल सिंह, राजेश कच्छप सहित सैकड़ों नेता कार्यकर्ता शामिल हुए.
इसके पूर्व कांग्रेस पार्टी द्वारा रांची राजभवन के समक्ष कृषि कानून के खिलाफ किये गए आंदोलन कार्यक्रम की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं. जिसमें कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. इसका नेतृत्व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता और झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह ने किया. कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष एवम मंत्री रामेश्वर उरांव सहित पार्टी के अन्य मंत्री, विधायक, पदाधिकारी एवम कार्यकर्ता शामिल थे. परंतु विडंबना यह है कि राज्य के सत्ताधारी दलों के द्वारा आयोजित इन सारे कार्यक्रमो में पुलिस द्वारा एक भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
अतः मैं समझता हूं पुलिस का यह दोहरा चरित्र राज्य के लिए हितकारी नहीं है.
अतः राज्यहित में आप अविलंब ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान लेते हुए विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित कराएं.