Hazaribagh: सदर हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल भाजपा से हजारीबाग सांसद टिकट की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे है. सूत्रों की माने तो वर्ष 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में इस बार भाजपा हजारीबाग सीट पर अपना उम्मीदवार बदलने वाली है.
हाल के दिनों में देखा जाए तो वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा स्थानीय कार्यक्रम में अपनी दूरी बना रहे है. साथ ही हजारीबाग के कार्यकर्ता भी उनके स्वभाव से नाखुश नजर आ रहे है.
कहा जाता है कि जिस क्षेत्र के कार्यकर्ता अपने नेता से नाखुश होते है वहां पार्टी कमजोर होने लगती है. इसकी जानकारी राष्ट्रीय स्तर पर भी है, जिस कारण यह कयास लगाए जा रहे है इस बार पार्टी सदर विधायक मनीष जयसवाल को लोक सभा उम्मीदवार बनाने वाली है.
भाजपा कार्यकर्ता और जनता को मनीष जायसवाल की लोकप्रियता पर भरोसा
हजारीबाद की गलियों में जनता भी मनीष जयसवाल को योग्य उम्मीदवार मान रहे और इसकी चर्चा भी कर रहे है.
आम जनता की माने तो मनीष जयसवाल ने विधायक रहते हुए क्षेत्र में विकास किया है और जनता के हर सुख दुख में खड़े नजर आते है. ऐसे में जनता का समर्थन उन्हें लोक सभा चुनाव में भी मिलेगा. लोगों का कहना है कि यदि पार्टी मनीष जयसवाल पर भरोसा जताती है तो उनकी जीत तय है.
हजारीबाग लोकसभा अंतर्गत जो भी कार्यक्रमों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित किया जाता रहा है उनमें सदर विधायक पूरा दमखम लगा रहे हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा लोकसभा क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी अपनी उपस्थिति लगातार बनाए हुए हैं. हजारीबाग जिले के भाजपा कार्यकर्ता भी यह बात मान रहे हैं की उनका अगला सांसद मनीष जायसवाल ही होगा और जनता खुलेआम इस बात पर चर्चा भी कर रही है.
पार्टी ने मन बना लिया है जल्द ले सकती है बड़ा फैसला
चर्चा यह भी है कि वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा की लोकप्रियता लगातार घट रही है. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान लगातार उनके पिता यशवंत सिन्हा द्वारा भाजपा के विरुद्ध मोर्चा खोले रखना और इन क्रियाकलापों पर सांसद की चुप्पी भी एक कारण हो सकता है की पार्टी में उनकी पकड़ ढीली हो रही है.
वही क्षेत्र के कामो में भी वर्तमान संसद की रुचि कम हो गयी है. उनके कार्यक्रमों में लगातार कम भीड़ देखी जा रही है और अब धीरे-धीरे भाजपा के कार्यकर्ता भी सांसद से किनारा कर रहे हैं. वही जयंत सिन्हा का दिल्ली लॉबी मजबूत है, कुछ कहा नहीं जा सकता.
फिलहाल लोक सभा सीट का गेंद अभी राष्ट्रीय नेतृत्व के पास है. लेकिन यह भी तय है कि पार्टी ने यदि मनीष जयसवाल पर भरोसा जताया तो पार्टी को निराशा हाथ नही लगेगी.