Imphal: पूर्वोत्तर के मणिपुर (Manipur Latest News) राज्य में जारी हिंसक गतिविधियों के चलते स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. गुरुवार को हिंसा प्रभावित जिलों में सेना और असम राइफल्स के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है. हालात को देखते हुए राज्यपाल ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं.
इसी बीच हिंसा को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्य के मुख्यमंत्री से वार्ता कर स्थिति की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है.
मणिपुर में दंगाईयों को गोली मारने का आदेश
मणिपुर में हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को सीधे गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं. राज्यपाल अनुसूईया उइके ने गृह मंत्रालय को इसकी मंजूरी दे दी है. प्रदेश के प्रभावित इलाकों के सभी जिलाधिकारियों, उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों और सभी कार्यकारी मजिस्ट्रेटों/विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को इस आशय के आदेश जारी किए गए हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की अपील
इस बीच मणिपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंफाल, बिष्णुपुर और मोरेह जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं अनापेक्षित हैं. मुख्यमंत्री सिंह ने प्रदर्शनकारियों से ऐसी हिंसक गतिविधियों से दूर रहने की अपील की.
मणिपुर में हिंसा क्यों भडकी
दरअसल, बुधवार रात को कांगपोकपी जिले के सैकुल में संगठित हिंसा में 11 लोग घायल हुए थे. आंदोलनकारियों और सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गयी. गुरुवार को हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना ने फ्लैग मार्च किया. हिंसा प्रभावित इलाके से चार हजार से अधिक लोगों को अब तक सेना ने आश्रय दिया है.
बुधवार को ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की एकजुटता रैली के बाद पहाड़ी जिलों बिष्णुपुर, फिरजाओल, जिरीबाम, पश्चिमी इंफाल, थौबल, तेंगनोपाल, काकचिंग और कांगपोकपी में व्यापक हिंसा भड़क गई थी. रात में ही मणिपुर के आठ जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई. इन सभी जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिलों में सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद मणिपुर के जनजातीय संगठनों ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइतेई समुदाय को शामिल करने का ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन विरोध कर रही है. बुधवार को ‘एकजुटता मार्च’ के बाद प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर के बंगमुअल में वन विभाग के बीट कार्यालय में आग लगा दी.
प्रदर्शनकारियों ने कई घरों और वाहनों में आग लगा दी. राज्य के अधिकांश इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए सुरक्षा बल लगातार प्रयास कर रहे हैं.