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Ranchi: सरकारी स्कूलों में नियुक्त होनेवाले शिक्षकों की अर्हता तय करने के लिए आयोजित होनेवाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में व्यापक बदलाव होगा. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत होगा. साथ ही विभिन्न राज्यों में आयोजित होनेवाली इस परीक्षा में एकरुपता लाने का प्रयास होगा. शिक्षक पात्रता परीक्षा में बदलाव को लेकर रुपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रहे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसे लेकर झारखंड सहित विभिन्न राज्यों से पूर्व में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षाओं का पूरा ब्यौरा 15 फरवरी तक मांगा है.
टेट परीक्षा में इन बदलावों पर फोकस
इसके तहत इस परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के पैटर्न के अलावा परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों, सफल अभ्यर्थियों आदि की जानकारी निर्धारित प्रारुप में मांगी गई है. परीक्षा को लेकर समय-समय पर राज्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है.
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया है. नीति के तहत यह परीक्षा अब माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी होनी है.
नियमावली में करना होगा संशोधन
एनसीटीई द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को अपनी नियमावली में बदलाव करना होगा. शिक्षक नियुक्ति में एनसीटीई की गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य होता है.
राज्य में हुई है महज दो शिक्षक पात्रता परीक्षा
शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता वर्ष 2010 में ही लागू की गई है. हालांकि राज्य में यह परीक्षा अभी तक महज दो बार हो सकी है, जबकि यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष आयोजित होनी है. राज्य में यह परीक्षा पहली बार वर्ष 2012 तथा दूसरी बार 2015 में आयोजित हुई.
तीसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा के आयाेजन के लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है. इससे पहले, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने परीक्षा के आयोजन की अनुशंसा झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भेज दी थी, लेकिन नियमावली में कुछ त्रुटि के कारण यह अभी तक नहीं हो सकी.