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New Delhi: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने मंगलवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर इन दोनों युवा नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में देश की सबसे पुरानी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
इसके बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया.
निशाने पर सत्ता की कुर्सी
इस दौरान उन्होंने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने कहा कि “मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हो रहा हूं क्योंकि मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वो एक सोच हैं. वो देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज़ हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.”
कांग्रेस के लिए कन्हैया की दलील
- उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक पार्टी में हम इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि अब लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बचा तो देश नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि मैं आपको स्पष्ट कर देता हूं कि देश में प्रधानमंत्री अब भी हैं, पहले भी थे और आगे भी होते रहेंगे, लेकिन आज जब हम लोग राहुल गांधी की उपस्थिति में हम लोग फॉर्म भर रहे थे तो साथी जिग्नेश ने संविधान की कॉपी दी और हमने गांधी-अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर दी.
- उन्होंने कहा कि क्योंकि आज इस देश को भगत सिंह की साहत की जरूरत है, अंबेडकर की समानता की जरूरत है और गांधी की एकता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, उसे नहीं बचाया गया तो देश नहीं बचेगा. कन्हैया ने कहा कि बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी.
कांग्रेस ज्वाइन नहीं कर सकता: जिग्नेश
इस दौरान गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पार्टी ज्वाइन करते हुए कहा कि जो कहानी गुजरात से शुरू हुई, उसने 6-7 साल में जो उत्पात मचाया है, वो आप सबके सामने है. यह हमारे संविधान पर हमला है. उन्होंने कहा कि यह हमारे आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला है और लोकतंत्र पर हमला है.
उन्होंने कहा कि इसलिए कुछ भी करके इस मुल्क के संविधान, लोकतंत्र और आइडिया ऑफ इंडिया को बचाना है और इसके लिए मुझे उसके साथ खड़े होना है जिसने अंग्रेजों को खदेड़ कर दिखाया है, इसलिए मैं आज कांग्रेस के साथ खड़ा हूं. उन्होंने कहा कि मैं एक निर्दलीय विधायक हूं, इसलिए औपचारिक रूप से कांग्रेस ज्वॉइन नहीं कर सकता. लेकिन 2022 के चुनाव में कांग्रेस के सिंबल पर ही लड़ूंगा और उसके लिए प्रचार करूंगा.
एक और एक ग्यारह की आवाज़
वहीं इस दौरान कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “इन्होंने(कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी) लगातार मोदी सरकार और हिटलरशाही की नीति के खिलाफ संघर्ष किया. हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज़ और बुलंद हो पाएगी जब ये कांग्रेस और राहुल गांधी की आवाज़ में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज़ बन जाएगी.”
बता दें कि मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे. वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं.