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New Delhi: राम मंदिर को लेकर जूनियर पासवान यानी रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है. चिराग का यह बयान आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं.
बिहार में लोकजनतात्रिक पार्टी के नेता चिराग पासवान ने एक बार फिर से इस बात को दोहराया है कि हमारा एजेंडा राम मंदिर नहीं होना चाहिए. चिराग पासवान ने कहा कि मुझे लगता है कि राम मंदिर हमारा मुद्दा नहीं होना चाहिए, सिर्फ विकास, किसान, नौकरी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. पासवान ने कहा कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भी मैंने यही कहा था.
विकास के मुद्दे से भटकने पर नुकसान
चिराग पासवान ने कहा कि जब भी हम राम मंदिर मुद्दे से भटकते हैं हमे इसका नुकसान उठाना पड़ता है. पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए को आगामी चुनाव में सिर्फ विकास के मुद्दे पर ही आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2014 में भी हमने चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा था, लिहाजा इस बार भी हमे विकास के ही मुद्दे पर आगे बढ़ना चाहिए. पासवान ने अपने रुख से साफ कर दिया है कि वह भाजपा के राम मंदिर और तीन तलाक के मुद्दे के साथ नहीं हैं, ऐसे में देखने वाली बात यह है कि चुनाव के दौरान आखिर कैसे भाजपा एलजेपी के साथ चुनाव मैदान में उतरती है.
Chirag Paswan, LJP: I feel Ram Mandir should not be on our agenda, only development, farmers, jobs should be given priority. Same thing I had said when results of the three states came recently. pic.twitter.com/xc2wPCMc21
— ANI (@ANI) January 6, 2019
चुनावी भविष्य को किया साफ
आगामी चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने यह साफ कर दिया है कि वह अपने पुराने संसदीय क्षेत्र जमुई सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. पासवान ने कहा कि एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है कि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा. लेकिन अभी तक इस बात पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि किस पार्टी को कौन सी सीट मिलेगी. ऐसे में कौन से संसदीय क्षेत्र किस पार्टी के खाते में जाते हैं , उसका फैसला हो जाने के बाद उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाएगा.
पहले भी दे चुके हैं बयान
आपको बता दें कि इससे पहले भी चिराग पासवान ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद माना जा रहा था कि भाजपा और एलजेपी के बीच के संबंध में कुछ दरार होती दिख रही है. हालांकि सीटों के बंटवारे के बाद दोनों ही पार्टियों के बीच आधिकारिक रूप से घोषणा की गई थी कि सीटों को लेकर किसी भी तरह का विवाद नहीं रह गया है. बिहार में भाजपा और जदयू 17-17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जबकि एलजेपी के खाते में 6 सीटें आई हैं.