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Ranchi: झारखंड में इस साल नौकरियों की बरसात होने वाली है. सरकार इसके लिए पक्का इंतजाम करने में जुट गई है. तब 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर दुमका में सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में प्राइवेट सेक्टर की 75 फीसद नौकरियां स्थानीय लोगों को दिलाने का वादा किया था. नई व्यवस्था के तहत राज्य में अब तीस हजार रुपये तक वेतन वाले पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित होंगे.
प्राइवेट नौकरियों में 30 हजार रुपये वेतन वालें पदों में 75 फीसदी आरक्षण
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक हो रही है, जिसमें इस बड़े फैसले पर मुहर लग सकती है. झारखंड सरकार राज्य के युवाओं पर मेहरबान है. एक बार फिर से स्थानीय लोगों की सुध लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार 30 हजार रुपये तक की किसी भी प्राइवेट नौकरी उनके लिए आरक्षित करने जा रही है.
नौकरियों की इस बरसात में झारखंड में खुलने वाली तमाम प्राइवेट कंपनियों में बहालियों में 75 फीसद आरक्षण स्थानीय लोगों के लिए सुनिश्चित करवाना चाहती है. आज झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक में फैसले के बाद हेमंत सरकार इसके लिए विधानसभा में बिल लेकर आने की योजना पर काम कर रही है. सदन से बिल पास होने के बाद यह कानून का रूप लेगा लेकिन इसके पूर्व राज्य कैबिनेट की अनुमति आवश्यक होगी.
माना जा रहा है कि श्रम विभाग ने प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद नौकरियों स्थानीय लोगों को देने के लिए कैबिनेट में भेजे जाने वाला प्रस्ताव तैयार कर लिया है. सरकार के सूत्र बता रहे हैं कि स्थानीय लोगों को नौकरी देने वाले इस प्रस्ताव में 30 हजार रुपये महीने तक सैलरी वाली तमाम नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसद आरक्षण का प्रावधान लागू होगा.
75 फीसदी आरक्षण नहीं देने वालों पर होगी कार्रवाई
झारखंड में काम करने वाली जो कंपनियां इस नियम की अवहेलना करेंगी, उनके खिलाफ सरकार की ओर से कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि प्राइवेट सेक्टर में सरकार के 75 फीसद आरक्षण वाले नियम से प्राइवेट कंपनियों में लेखा कार्य से जुड़े कर्मी और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी स्थानीय होंगे. प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद आरक्षण प्रस्ताव पर विधि विभाग, कार्मिक विभाग और वित्त विभाग की अनुशंसा प्राप्त करना है.
जानकारी के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर आंध्रप्रदेश के फार्मूले पर विचार चल रहा है. इससे पहले आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने वाला कानून बनाया गया है. राज्य सरकार इस मामले में आंध्र प्रदेश के फॉर्मूले पर काम कर सकती है. आंध्र प्रदेश में स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी अैर प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है. झारखंड सरकार यही प्रावधान प्रदेश में भी करने पर विचार कर रही है. बता दें कि आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का नियम बनाया गया है.
हरियाणा में 50 हजार रुपये तक सैलरी के सभी पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं. जबकि किसी पद के लिए प्रशिक्षित कामगार नहीं मिलने की स्थिति में प्राइवेट कंपनी संचालकों को अपने मन से कामगार रखने की छूट का प्रविधान है. अभी हरियाणा में यह स्थानीयता कानून दस वर्षों के लिए लागू किया गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री प्रोत्साहन भत्ता के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में विचार होना है. इसके तहत तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जा सकता है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है.