Ranchi: झारखंड की प्रमुख सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को जबरन रोकने और हमला करने की घटना की तीखी निंदा की है. झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने बयान जारी घटना को असामान्य बताते हुए सुनियोजित साजिश बताया है.
झामुमो महासचिव ने कहा है कि इस घटना के जरिए कानून व्यवस्था को चुनौती दी गई है. कानून को हाथ लेने का अधिकार किसी को नहीं है.
सुप्रीयो भट्टाचार्य ने अपने बयान में कहा कि लोगों के पास विरोध जताने के कई तरीके और प्लेटफॉर्म है. कोई आक्रोश या विरोध है तो बातचीत, धरना, प्रदर्शन के जरिए रखा जा सकता है. इस पूरे मामले की जांच पुलिस करेगी और खुलासा भी करेगी.
क्या है घटना
राजधानी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले का प्रयास हुआ है. यह घटना शहर के किशोरगंज चौक की है. हेमंत सोरेन अपने शेड्यूल के अनुसार प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रालय से कांके रोड आवास लौट रहे थे. इसी दौरान गुस्साई भीड़ ने किशोरगंज में मुख्यमंत्री के काफिले को करीब 30 मिनट तक रोका. भीड़ में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी. इस दौरान उनके काफिले पर हमले का प्रयास भी हुआ.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल पायलट वाहन पर तोड़फोड़ भी की गई है. भीड़ ने सड़क सुरक्षा में लगे बेरीकेट को भी तोड़ा. भीड़ का गुस्सा देख सुरक्षाकर्मियों ने सीएम हेमंत सोरेने को एक दूसरे मार्ग से आवास तक पहुंचाया.
सीएम सोरेन से भीड़ का गुस्सा क्यों
मौके पर भीड़ में मौजूद लोगों ने बताया कि काफिले के आने के पहले से ही प्रदर्शनकारी एकजुट होने लगे थे. जैसे ही उनका कारकेट पहुंचा, प्रदर्शनकारी सड़क पर आ गए. ये सभी ओरमांझी में हुई रेप-हत्या की घटना से आक्रोशित थे. सभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करना चाहते थे. उनका कहना था कि हेमंत सोरेन के एक साल के कार्यकाल में रेप की घटनाएं लगातार हो रही हैं. पुलिस प्रशासन का तंत्र लचर है.