
Ramgarh:15 नवंबर 2000 को झारखंड का उदय होने के बाद फरवरी 2001 में झारखण्ड का पहला उप चुनाव रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से हुआ था।झारखंड अलग राज्य बनने के पहले ही 12 सितंबर 2000 को विधायक भेड़ा सिंह का निधन हो गया था उसके बाद रामगढ़ विधानसभा का सीट खाली हो गया था उसके बाद रामगढ़ में झारखंड का पहला उपचुनाव हुआ उस समय बाबूलाल मरांडी को झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बनने के बाद छह माह के दौरान विधानसभा का सदस्यता ग्रहण करना था। जिस के बाद बाबूलाल मरांडी रामगढ़ उप चुनाव में स्व भेड़ा सिंह की पत्नी नादरा बेगम को 20 हजार मतों के अंतर हराकर जीत हासिल किया था
21 साल के बाद रामगढ़ में फिर उप चुनाव
21 साल के बाद फिर एक बार रामगढ़ विधानसभा सीट में उपचुनाव होने की होने जा रहे है पूर्व विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा मिक्या आजसू भाजपा गठबंधन को मिलेगा फायदालने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी जिसके बाद रामगढ़ उप चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गयी है इन बार चुनावी मैदान में NDA ने सुनिता चौधरी को तो UPA ने बजरंग कुमार महतो उतारा है एक बार फिर 2001 की तरहा केंद्र की राजनीति रामगढ़ शिफ्ट होगी।
क्या आजसू भाजपा गठबंधन को मिलेगा फायदा
वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में UPA गठबंधन की रामगढ़ उम्मीदवार ममता देवी को 99,944 वोट मिले थे , जबकि AJSU की उम्मीदवार सुनीता चौधरी 71,226 मिले थे तो वही भाजपा के रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू ने 31,874 मत प्राप्त किया था. लेकिन, सुनीता चौधरी के नामांकन के बाद वर्तमान रामगढ़ विधान सभा की राजनीतिक परिदृश्य बदल गए हैं इस बार भाजपा और आजसू गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में रहेंगे।