Jharkhand Cabinet Meeting: हेमंत सोरेन सरकार के नियोजन नीति के विवादों के बीच आज कैबिनेट की अहम बैठक होने वाली है. सोशल मीडिया पर लोग चर्चा कर रहे हैं कि इसमें मौजूदा नियोजन नीति पर बड़ा फैसला लिया जाएगा. दावा यह भी किया जा रहा है कि सरकार अपने पूर्व के फैसले पर यूटर्न लेगी. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक कोई भी आधिकारिक सूचना नहीं जारी की गई है. वहीं जानकारी मिल रही है कि नियुक्तियों को लेकर सरकार कई महत्पूर्ण फैसले ले सकती है.
आपको याद होगा कि दो महीने पहले हेमंत सोरेन की सरकार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद नियुक्तियों के 12 विज्ञापनों को रद्द करना पडा था. हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को झारखंड सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि इस नीति में झारखंड से 10वीं-12वीं पास करने की अनिवार्यता सिर्फ सामान्य श्रेणी के युवाओं के लिए है, जबकि आरक्षित वर्ग को इससे अलग रखा गया है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि यह संविधान की मूल भावना ओर समानता के अधिकार के खिलाफ है. सरकार ने क्षेत्रीय भाषा की सूची से हिंदी को हटाकर उर्दू को शामिल कर लिया, जबकि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई होती है. ऐसा करने का कोई आधार भी नहीं बताया.
कोर्ट ने कहा था कि यह नियम एक खास वर्ग के लिए बनाया गया है.
हाईकोर्ट ने इस नियोजन नीति के तहत नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन को भी रद्द कर दिया था. साथ ही नया विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में 13,968 पदों पर होने वाली नियुक्ति परीक्षाएं भी रद्द हो गई थीं.
नियोजन नीति रद्द होने के बाद युवाओं में सरकार के प्रति भारी आक्रोश था. बेरोजगार युवाओं ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव भी किया था. तब मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि अब सरकार युवाओं के अनुरूप नियोजन नीति बनाएगी. ताकि अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिल सके.
बजट सत्र के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने नई नियोजन नीति पेश किया. इसमें 60 प्रतिशत सीट आरक्षित किया गया. लेकिन हेमंत सरकार को इस 60-40 वाले इस नए नियोजन नीति का विरोध हुआ. सदन के अंदर विपक्ष का और सडक पर छात्रों का भारी विरोध देखा गया.
इस बीच आज 27 मार्च को झारखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. कई लोग सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि हेमंत सरकार नियोजन नीति पर बड़ा फैसला ले सकती है. लेकिन यह फैसला क्या हो सकता है. यह कोई भी स्पष्ट नहीं बता पा रहा है.
हमें जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार नियोजन नीति में कोई बदलाव करने के बजाय सरकार पूर्व में रद्द किये गए 12 नियुक्ति विज्ञापनों पर फैसला ले सकती है. सरकार और ज्यादा विवाद करके अपना किरकिरी नहीं चाहेगी. कैबिनेट की बैठक में 13,968 पदों पर होने वाली नियुक्ति परीक्षाओं को फिर से लेने के लिए कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कराने के लिए फैसले लिये जा सकते हैं. सरकार नए विज्ञापन निकालने को लेकर आगे का फैसला ले सकती है.
जानकारी के अनुसार 26 मार्च तक 12 मे से 7 रद्द परीक्षाओं को फिर से कराने के लिए आवश्यक संसोधन करा लिये गए हैं. 5 नियुक्ति विज्ञापनों को फिर से शुरू करने के लिए आज कैबिनेट की बैठक से पहले जरूरी तैयारी पूरी कर ली जाएगी. इस लिहाज से झारखंड कैबिनेट की बैठक में युवाओं के नौकरी और बहाली के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. इसका इंतजार पूरे झारखंड के बेरोजगार युवा कर रहे हैं.