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झारखंड सरकार ने देश के दो महान विभूतियों के संघर्ष को दिया सम्मान

झारखंड सरकार ने देश के दो महान विभूतियों के संघर्ष को दिया सम्मान

महान विभूतियों के नाम पर शुरू की गई योजना से संवर रहा किशोरियों और युवाओं का भविष्य

Ranchi: झारखण्ड आंदोलन के सबसे बड़े नेता और भारतीय हॉकी टीम के पहले कप्तान मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा और देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के नाम को झारखण्ड सरकार ने सम्मान दिया है. इनके नाम से शुरू की गई योजना किशोरियों और युवाओं का भविष्य संवारने में सहायक हो रहा है.

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर झारखण्ड की किशोरियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशिए छात्रवृत्ति योजना मिल का पत्थर साबित हो रहा है.

नौ लाख किशोरियों को लाभ

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से झारखण्ड की नौ लाख किशोरियों को लाभ मिल रहा है. 12 अक्टूबर 2022 को योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने गिरिडीह से किया था. इस दिवस ही आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार का विशेष अभियान की भी शुरुआत हुई थी.

एक माह तक आयोजित इस विशेष अभियान में तीन लाख से अधिक किशोरियों को योजना से जोड़ा गया. वहीं सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पांच लाख 52 हजार से अधिक किशोरियों के खाते में 219 करोड़ की राशि योजना के तहत डीबीटी माध्यम से हस्तांतरित किया. ये झारखंड के पहली बार है कि इतनी संख्या में किशोरियों को जोड़ा गया हो. सरकार का किशोरियों को योजना से जोड़ने का क्रम अनवरत जारी है.

इस योजना से राज्य की नौ लाख किशोरियां आच्छादित होंगी. योजना के उद्देश्य ना सिर्फ किशोरियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता करना है, बल्कि किशोरियों के स्कूल नहीं छोड़ने एवं बाल विवाह को रोकने के प्रति जागरूक भी करना है.

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विदेश में ले रहे हैं उच्च शिक्षा

मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना से गरीब और वंचित वर्ग के युवा आज विदेश में उच्च शिक्षा ले रहें हैं. अभी हाल ही में, राज्य सरकार ने ब्रिटिश उच्चायोग के साथ एमओयू कर छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाया है. ऐसा पहली बार होगा जब प्रतिभाशाली गरीब और वंचित वर्ग के युवाओं को ब्रिटिश उच्चायोग उच्च शिक्षा में आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा.

मालूम हो कि पारदेशिए छात्रवृत्ति योजना विगत वर्ष से छह युवा विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहें हैं. जबकि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 20 युवाओं को योजना का लाभ मिल रहा है.

पहले इस योजना का लाभ सिर्फ अनूसूचित जनजाति के दस युवक – युवतियों को प्राप्त हो रहा था. लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर गत वर्ष योजना का लाभ अनूसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी देने का निर्देश दिया गया है. इसकी संख्या बढ़ा कर अधिकतम 25 किया गया है.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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