Ranchi: झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. इस समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण की उपस्थिति में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार के तीसरे चरण का शुभारंभ होगा. स्थापना दिवस के अवसर पर 1714.44 करोड़ रुपए की कुल 229 योजनाओं का उद्घाटन एवं 5328.30 करोड़ रुपए की कुल 677 योजनाओं का शिलान्यास होगा. समारोह अपराह्न दो बजे शुरु होकर अपराह्न 03:30 बजे समाप्त होगा.
नई योजनाएं और पॉलिसी होंगी लांच
राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री योजनाओं और पॉलिसी का शुभारंभ करेंगे. लांच होने वाली पॉलिसी में झारखण्ड स्टार्ट-अप पॉलिसी, 2023, झारखण्ड MSME प्रमोशन पॉलिसी, 2023, झारखण्ड निर्यात पॉलिसी, 2023 और झारखण्ड आईटी, डाटा सेंटर तथा बीपीओ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी, 2023 शामिल हैं. वहीं अबुआ आवास योजना और मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की जाएगी.
किशोरियों और खिलाड़ियों को सम्मान, हुनरमंद को ऑफर लेटर
राज्य स्थापना दिवस पर सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत वर्ष 2023-24 के लिए 5,55,652 किशोरियों को 261 करोड़ रुपए की सहायता राशि का वितरण किया जाएगा. जबकि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले करीब 70 खिलाड़ियों के बीच लगभग 02 करोड़ पुरस्कार राशि का वितरण होगा. कार्यक्रम स्थल में श्रम विभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेला में 18,034 हजार से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रीगण सौंपेंगे.
झारखंड स्थापना दिवस का महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठठभूमि
झारखंड स्थापना दिवस झारखंड राज्य के गठन की याद में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है. यह दिन झारखंड के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक है. इस दिन, झारखंड के लोग अपने राज्य के गठन के लिए संघर्ष करने वाले सभी आंदोलकारी क्रांतिकारियों को याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं.
झारखंड स्थापना दिवस का महत्व निम्नलिखित है:
- यह झारखंड के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक है.
- यह झारखंड के लोगों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है.
- यह झारखंड की संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देता है.
झारखंड स्थापना दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि निम्नलिखित है:
- झारखंड में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय रहते हैं.
- इन जनजातीय समुदायों ने लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया है.
- 1960 के दशक में, झारखंड के लोगों ने अलग राज्य की मांग शुरू की थी.
- 1990 के दशक में, इस मांग को लेकर आंदोलन तेज हुआ.
- अंततः, 15 नवंबर 2000 को, झारखंड को एक अलग राज्य के रूप में गठित किया गया.
झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर, झारखंड के सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है. इस दिन, राज्य सरकार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है. इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं और अन्य कार्यक्रम शामिल होते हैं.
झारखंड स्थापना दिवस झारखंड के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. यह दिन झारखंड के लोगों के संघर्ष और उपलब्धियों को याद दिलाता है.
अबुआ आवास योजना क्या है
अबुआ आवास योजना झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है. इसका उद्देश्य राज्य के गरीब और बेघर परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार आठ लाख परिवारों को पक्का घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
अबुआ आवास योजना के तहत, लाभार्थियों को घर निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. इस सहायता राशि का उपयोग लाभार्थी अपने पक्का मकान के निर्माण में कर सकते हैं.
अबुआ आवास योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
- लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
- लाभार्थी का परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए.
- लाभार्थी के पास स्वयं का पक्का मकान नहीं होना चाहिए.
अबुआ आवास योजना के लिए आवेदन करने के लिए, लाभार्थी को अपने ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय में आवेदन करना होगा. आवेदन पत्र के साथ, लाभार्थी को निम्नलिखित दस्तावेज भी जमा करने होंगे:
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
अबुआ आवास योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना से झारखंड के गरीब और बेघर परिवारों को पक्का मकान मिलने से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा.
अबुआ आवास योजना के कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी.
- योजना के तहत, लाभार्थियों को घर निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
- योजना के लिए पात्रता की शर्तें सरल रखी गई हैं.
अबुआ आवास योजना से झारखंड के गरीब और बेघर परिवारों को पक्का घर मिलने से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा. यह योजना झारखंड में गरीबी और बेघरों की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.