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Ranchi: झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानि जैक बोर्ड की मैट्रिक और इंटर की परीक्षा नहीं होगी. कोरोना महामारी के बारण इसे रद्द करने का फैसला लिया गया है. स्कली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरूवार को सहमति दे दी. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर भी इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा- कोविड 19 से राज्य में उपजे हालात और छात्रों-अभिभावकों की मांग को दखेते हुए परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है.
हालांकि मैथ्अक और इंटर के 7.62 लाख छात्रों को किस आधार पर प्रमोट किया जाएगा, यह भी तय नहीं हुआ है. इससे पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई और आईसीएसई समेत कई राज्यों ने बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि झारखंड में भी परीक्षाएं रद्द होंगी. लेकिन इस संबंध में कोई घोषणा नहीं होने के कारण छात्रों और अभिभावकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. कई राजनैतिक दलों ने भी परीक्षाएं रद्द करने की मांग उठाई थी.
4 मई को मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं शुरू होने वाली थीं. 4.32 लाख छात्रों को मैट्रिक और 3.31 लाख छात्रों को इंटर की परीक्षा देनी थी.
मैट्रिक और इंटर रिजल्ट का क्या होगा आधार
जैक बोर्ड में इंटरनल असेस्मेंट नहीं होने के कारण पहले की दो परीक्षाओं को आधार बनाया जा सकता है. हालांकि इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के यहां से फाइल लौटने के बाद शिक्षा विभाग और जैक के अधिकारी इस विषय पर अंतिम फैसला लेंगे.
विकल्प के रूप में मैट्रिक के लिए नौंवी ओर इंटर के लिए 11वीं की परीक्षा के रिजल्ट को मूल्यांकन का आधार बनाने पर विचार किया जा रहा है.
दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि मैट्रिक के लिए आठवीं, नौंवी और इंटर के लिए 10वीं और 11वीं के रिजल्ट के मूल्यांकन का आधार बनाया जाये.
सीएम ने केंद्रीय मंत्रियों से कहा था- बच्चे तनाव में टलनी चाहिए परीक्षाएं
सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी. इसमें हेमंत सोरेन ने कहा था कि परीक्षा से कोरोना संक्रमण और फैलने की आशंका है. बच्चे भी तनाव से गुजर रहे हैं. ऐसे में परीक्षाएं टाल देना ही सही होगा. इसके बाद से झारखंड सरकार पर भी परीक्षाएं रद्द करने का दबाव था. सीएम ने पिछले सप्ताह मुख्य सचिव के साथ बैठक कर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को परीक्षा रद्द करने संबंधी प्रस्ताव देने को कहा था. इससे पहले विभागीय अधिकारियों ने मूल्यांकन के तरीके के बारे में जैक और निदेशालय के अधिकारियों से भी विचार विमर्श किया था.
इन राज्यों में पहले रद्द हो चुकी हैं बोर्ड परीक्षाएं
जब सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं टलग गईं तो उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दीं. हालांकि छत्तीसगढ़ में परीक्षा हुई. यहां छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं घर ले जाकर लिखने की छूट दी गई थी.