Ranchi: पद्मश्री मधु मंसुरी हंसमुख ने 60 साल पहले 10 दिसंबर के दिन 1956 में झारखंड आंदोलन का पहला गीत गाया था. तब उनकी उम्र महज 12 साल की थी. मधु मंसुरी हंसमुख ने यह गाना गाते हुए बताया कि इस गीत को उन्होंने खुद लिखा भी था. इसके पहले रातु के महाराज इनके गाने से बहुत प्रभावित हुए थे और उन्हें इनाम भी दिया था. दिशोम गुरू इनके ओजस्वी गीत से बहुत प्रभावित हुआ करते थे और कहते थे आपके गीत हमारे तीर से भी तेज हैं.
हेमंत सोरेन के ऐलान के बाद भी नहीं मिला जमीन का टुकड़ा
लंबे संघर्ष के बाद झारखंड अलग गठन हुआ. लेकिन, भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ा. आंदोलनकारियों को सम्मान नहीं दिया जा रहा. साल 2014 में हेमंत सोरेन जब मुख्यमंत्री थे तब सम्मान के तौर पर जमीन का एक टुकड़ा देने की बात कही गई थी. वह जमीन आज तक उन्हें नहीं मिली.