Ranchi: झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीनियर सेवा घोषित करने सहित 15 सूत्री मांगपत्र झारखंड सरकार को सौंपे हुए एक महीने गुजर गए. 30 दिनों का अल्टीमेटम पूरा हो जाने के बावजूद झारखंड प्रशासनिक अधिकारियों की मांगे अधूरी है. इस बीच संगठन के नेताओं ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से बुधवार को मुलाकात की और अपनी नाराजगी व्यक्त की.
मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद झासा के सचिव राहुल कुमार ने मीडिया से बात करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी धी. उन्होंने कहा कि सरकार को दी गई मियाद बुधवार को रामाप्त हो गई. सरकार के द्वारा अबतक उचित पहल नहीं किया गया है. हम 10-11 अगस्त को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शित करेंगे.
झासा के अध्यक्ष रंजीता हेम्ब्रम ने कहा कि मुख्य सचिव से मुलाकात हुई है. उन्होंने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष रंजीता हेम्ब्रम के अलावा महासचिव राहुल कुमार, उपाध्यक्ष दिलेश्वर महतो एवं दिलीप तिर्की, कोषाध्यक्ष राजेश कुमार बरवार, कार्यालय सचिव प्रणव कुमार पाल, सह मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह एवं कार्यकारिणी सदस्यों में अरुण कुमार सिंह, मनीष जोसेफ तिग्गा एवं सुधीर बाड़ा शामिल थे.
अध्यक्ष रंजीता हेम्ब्रम ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा जो आंदोलन पूर्ण में घोषित है जिसमें 10 और 11 अगस्त को काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज करायेंगे.
15 सूत्री मांगों में प्रमुख हैं, चाइल्ड केअर लीव, झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सर्विस घोषित करने की मांग, कर्मियों को समय पर प्रोन्नति देने, संघ के प्रतिक्षागत सदस्यों की समयबद्ध पोस्टिंग, अपर सचिव व संयुक्त सचिव का वेतनमान एक है, लेवल 14 में प्रोन्नति दी जाए, समयवध प्रोन्नति दी जाए, छठे बैच के 28 पदाधिकारी प्रतीक्षारत हैं और दूसरी ओर अंचलों में अंचलाधिकारी के पद खाली पड़े है. कार्यालय भवन के लिए जमीन की मांग, स्वास्थ्य बीम की भी मांग, जिसे कैबिनेट में मंगलवार को पारित कर दिया है.