Hyderabad: कोरोना से जंग के बीच एक अच्छी खबर है. जहर के असर को खत्म करने वाली तकनीक के आधार पर कोरोना को खत्म करने के लिए देश की पहली मान्यता प्राप्त दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू होने जा रहा है. भारत सरकार की सेल्यूलर और आणविक जीव विज्ञान (CCMB) ने जहर की दवा बनाने वाली कंपनी विंग्स बायोटेक के साथ मिलकर कोरोना की दवा बनाई है, जिसका घोड़ों पर ट्रायल सफल रहा है. सीसीएमबी के डायरेक्टर डॉ राकेश के मिश्रा के अनुसार- हमने जिनोम सीक्वेंसिंग लैब में कोरोनावायरस बनाया और उसको कल्चर किया. वायरस कल्चर करने के बाद उस वायरस को डेड किया. इस डेड वायरस को घोड़ों में इंजेक्ट किया. 15 दिन और 25 दिन में देखा कि घोड़ों में एंटीबॉडी बन गई है. विंग्स बायोटेक के साथ मिलकर ऐसे 3000 घोड़ों पर ट्रायल किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा.
एक घोड़े के खून से हजारों लोगों के लिए दवा बनेगी
वैज्ञानिकों के अनुसार इंसान में भी एनेक्टिव वायरस को इंजेक्ट करके एंटीबॉडी बनाई जा सकती है लेकिन आदमी के शरीर से इतना खून नहीं निकाल सकेंगे. जिससे हजारों लोगों के लिए दवा बन सके. जबकि खोड़े के शरीर से 2 लीटर खून कई बार निकाल सकते हैं. इससे हजारों लोगों के लिए दवा बन सकती है.