Ranchi: रांची में आयोजित झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की वार्षिक आम सभा में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सरकारी व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी पदाधिकारियों से अपील की है कि जब भी आप लोगों से मिले, जोहार शब्द से अभिवादन करें.
हेमंत सोरेन ने कहा कि जोहार कहने से आप सभी पदाधिकारियों को लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा आप लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से भी जोड़ सकेंगे. योजनाओं की पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक होगी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप सरकार के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं. राज्य को दिशा दिखाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे में आपकी कार्यशैली से राज्य के सर्वांगीण विकास और उसे मजबूती देने का हौसला मिलता है.
जोहार कहकर ही लोगो से मिले और अभिवादन करे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने झारखंड प्रशासनिक सेवा की पत्रिका ” दस्तक ” का विमोचन किया.
राज्य की समस्याओं से आप भली-भांति वाकिफ हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ग्रास रूट पर कार्य करते हैं. उन्हें व्यवस्था के हर स्तर पर कार्य करने का अनुभव होता है. ऐसे में वे राज्य की तमाम समस्याओं और हालात से से भलीभांति वाकिफ होते हैं. ऐसे में आप जैसे अधिकारियों पर सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, ताकि उसका लाभ आम जनता को मिल सके.
व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी हैं राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रखंड से लेकर झारखंड मंत्रालय तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की बड़ी टीम कार्य करती है. ऐसे में आप व्यवस्था की सबसे मजबूत और महत्वपूर्ण कड़ी हैं.
उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की व्यवस्था तथा कार्यशैली थोड़ी अलग है, लेकिन अगर आप इन वरीय अधिकारियों के सहयोगी के रुप में खड़े नहीं हो, तो वे भी एक कदम आगे नहीं चल पाएंगे.

राज्य को मजबूती देने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था का मजबूत होना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की मजबूती के लिए प्रशासनिक व्यवस्था का मजबूत होना अत्यंत जरूरी है. अगर किन्ही वजहों से प्रशासनिक व्यवस्था कमजोर हो जाए तो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. इन्ही बातों को ध्यान में रखकर हम अन्य राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को भी समझने की कोशिश करते हैं, ताकि यहां की प्रशासनिक व्यवस्था को और भी मजबूती दे सकें.
20 वर्षों में राज्य को जहां होना चाहिए, वहां नहीं है
मुख्यमंत्री ने कहा कि वजहें चाहे जो भी हो, लेकिन पिछले 20 वर्षों में राज्य को जहां होना चाहिए, वहां नहीं है. आज भी झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है. जबकि, यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है. यहां के खनिज संसाधनों का यहां के लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है. रोजगार और मजदूरी के लिए लोगों का पलायन होता है. यह किसी भी लिहाज से उचित नहीं है. ऐसे में हमें काफी चिंता होती है कि कैसे राज्य को बेहतर और विकसित बना सके. अधिकारी पूरी ईमानदारी, लगन और समर्पित भावना से काम करें तो राज्य को अग्रणी राज्य बनाने में निश्चित तौर पर कामयाब होंगे.
प्रशासनिक व्यवस्था में जरूरत के हिसाब से सुधार जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में जरूरत के हिसाब से सुधार जरूरी है, ताकि उसका अपेक्षित लाभ हमें मिले. इसे देखते हुए ही सरकार ने प्रशासनिक सुधार के लिए आयोग का गठन किया था. आयोग की रिपोर्ट भी मिल चुकी है. अब उस रिपोर्ट का अध्ययन कर प्रशासनिक व्यवस्था में जो भी सुधार की जरूरत होगी उस दिशा सरकार कदम बढ़ाएगी.
अधिकारी आम जनता से पूरी आत्मीयता से जुड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इस राज्य के सिर्फ अधिकारी ही नहीं, एक शिक्षक भी हैं. आप जैसे अधिकारियों पर ही व्यवस्था का दारोमदार है. ऐसे में आप आम जनता के साथ पूरी आत्मीयता के साथ जुड़े और उनकी समस्याओं को सुनें. इससे अधिकारी और जनता के बीच संबंध बेहतर होंगे और सरकारी योजनाओं को धरातल पर उठाने में सहूलियत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने अधिकारियों को अपने संबोधन की शुरुआत “जोहार” से करने को कहा है. इसकी वजह इस शब्द में अपनापन का अनुभव होता है.
कई राज्यों में राज्य प्रशासनिक सेवा कैडर काफी मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों के भ्रमण के दौरान वहां की प्रशासनिक व्यवस्था को जानने-समझने का मौका मिलता है. इसी क्रम में मैंने देखा है कि कुछ राज्यों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को कैडर इतना अधिक मजबूत है कि अगर वहां आईएएस और आईपीएस अधिकारी न भी हों, तो राज्य को चलाने में कोई परेशानी नहीं आएगी.
व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का समाधान मिलजुल कर करना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में एक ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं, जहां अधिकारी बेखौफ और निर्भीकता के साथ काम कर सके. इससे अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ेगा और स्थानांतरण- पदस्थापन को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी. अधिकारियों की जहां पोस्टिंग होगी, वहां वे पूरे उत्साह के साथ कार्य कर सकेंगे.
हमारी सरकार में आप अपनी बात बेहिचक रख सकते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में आप अपनी मांगो, समस्याओं और बातों को बेहिचक रख सकते हैं. हम आपकी बातों को पूरी संवेदना के साथ सुनेंगे और सहानुभूति पूर्वक विचार कर उचित निर्णय लेंगे, ताकि आप राज्य की बेहतरी में निर्भीक होकर कार्य कर सकें.
आपने जो मांगे रखी है उस पर जल्द निर्णय लेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्षिक आमसभा में आपने जो मांगे रखी है, उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर जल्द निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि महिला पदाधिकारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव जैसी कुछ मांगे ऐसी है जिसे प्रशासनिक स्तर पर ही लागू होना चाहिए. राज्य प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित करने से जुड़ी मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही ठोस निर्णय लेगी.
इस मौके पर राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी मौजूद थे.