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Ranchi: ओरमांझी में तीन जनवरी को बरामद एक युवती की सिरकटी लाश की शिनाख्त बरियातू, रानी बगान की एक महिला ने की है. महिला का दावा है कि युवती उसकी बेटी थी. करीब चार माहीना पहले वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ घर से भाग गई थी. तब से वह लापता थी. हालांकि, इस दावे की औपचारिक घोषणा डीएनए की जांच रिपोर्ट व आधार कार्ड के सत्यापन के बाद ही होगा.
युवती का सिर अभी तक नहीं मिल पाया है. मीडिया में मंगलवार को प्रकाशित युवती का हुलिया और पहचान चिन्ह के आधार पर महिला ने यह दावा किया है कि वह उसकी बेटी थी. दावा करने वाली महिला के मुताबिक उनकी बेटी के हाथ व पैर में काला धागा, दाहिने बांह पर काला तिल व तलवे में काला तिल है, जो मृतका के शरीर से मैच कर रहा है.
इतना ही नहीं, युवती की मां ने कहा कि एक बार उनकी बेटी के पैर का अंगूठा जल गया था. युवती के शव का भी एक अंगूठा जला हुआ था. इतने सारे पहचान चिह्न बताने के बाद यह लगभग तय हो गया है कि युवती उस महिला की बेटी है.
महिला ने युवती का आधार कार्ड भी पुलिस को दिया है, जिसका सत्यापन अभी बाकी है. रिम्स के फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलोजी विभाग ने मृतका के डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भी लिखा है.
पुलिस को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट
रांची पुलिस को युवती की सिर कटी लाश मामले में पुलिस को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिल गई है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार युवती की गला काटकर हत्या की गई है. उसके निजी अंग पर प्रहार के सबूत तो नहीं मिले, लेकिन पूर्व में संबंध बनने के सबूत मिले हैं. उसके साथ दुष्कर्म हुआ कि नहीं, इस बिंदु पर मंतव्य राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) की रिपोर्ट से होगी. एसएफएसएल में युवती की स्वैब जांच के लिए भेजी जा रही है, ताकि दुष्कर्म के बिंदु पर रिपोर्ट मिल सके.
बोलने से बच रही पुलिस
14 फरवरी 2014 को बुंडू में एक महिला की अधजली लाश मिली थी. उसे बाद में चुटिया से लापता प्रीति के शव के रूप में उसके परिजनों ने शिनाख्त की थी. इस मामले में तीन युवक अजीत, अभिमन्यु व अमरजीत को आरोपित बताते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया था. कुछ माह के बाद प्रीति जिंदा वापस लौटी तो पुलिस-प्रशासन के होश उड़ गए थे. इसके बाद पुलिस ने तथ्य की भूल बताते हुए न्यायालय में शपथ पत्र दायर किया था, जिसके आधार पर तीनों निर्दोष युवक जेल से बाहर निकल गए थे.
उस घटना के बाद से ही रांची पुलिस ऐसे मामलों में विशेष एहतियात बरत रही है. अब पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से भी संतुष्ट होने के बाद ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश करती है.