Baranwal Nitishraj
Ranchi: झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनने को अब एक साल होने को आए हैं. ऐसे में सरकार की बात की जाए तो बहुत बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. जिस बड़े- बड़े वादे के साथ झारखंड में हेंमत के अगुवाई वाली महागठबंधन की सरकार सत्ता में आई वह अब पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार की तरह ही अब देखने को मिल रही है. युवा ठगे से महसूस कर रहे हैं. अपराध की घटनाएं भी बढ़ी हैं. हलांकि, पिछले सप्ताह की बात करें तो दो बडे़ नक्सली मुठभेड में मारे गये हैं. उसमें से एक नक्सली पर तो सरकार ने 15 लाख के इनाम की घोषणा भी कर रखी थी, जिसका नाम जिदन गुड़िया था, जो कि संगठन में दिनेश गोप के बाद दूसरे नम्बर पर आता था.
वहीं, अगर बेरोजगारी की बात करें तो युवा अपने आप को ठगे से महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हेमंत सोरेन ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की बात की थी, जो कि बिल्कुल इसके उलट नजर आ रही है. आये दिनों रांची के मोरहाबादी मैदान में कई प्रतियोगी परिक्षाओं में सफल हो चुके प्रतिभागियों का दल धरना व आंदोलन करने को बाध्य हैं. उन्हें न तो अब तक कहीं ज्वाइनिंग मिली है और न ही कोई जॉब. झारखंड में हेंमत के अगुवाई वाली महागंठबधन की सरकार का क्रूर चेहरा उस वक्त सामने आया जब होमगार्ड के जवानों पर लाठियां बरसायी थी.
हां, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है, कि ट्विटर के माध्यम से हेमंत सोरेन कई ऐसे लोगों की मदद की है, जिनको सच मदद की जरूरत थी. कोरोना काल में भी राज्यों के बाहर फंसे लोगों को अपने शहर लौटने में भी मदद की और ऐसे कई नई योजनाओं की शुरूवात की जिससे की लोगों को रोजगार मिल सके.
महागंठबंधन की सरकार विवादों में उस समय भी रही जब रिम्स के डायरेक्टर डॉ डीके सिंह को रिम्स से छोडना पड़ा था और स्वस्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर पैसे लेने के आरोप लगे थे.
हाल के दिनों में एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर एक मॉडल ने सेक्सुवल हेरासमेंट करने के आरोप लगाया है, हलांकि यह आरोप काफी पुराना है. इस पर विपक्ष ने भी मोर्चा खोल रखा है. खासकर गोडडा सांसद निशिकांत दूबे ने इस मुददे को जोरदार रूप से उठाया था इसे लेकर मुख्यमंत्री हेंमत सोरेन और सांसद निशिकांत पांडेय पर कई दिनों तक ट्विटर वार चलता रहा था.