Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 14 अगस्त को रांची स्थित ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे. प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए 8 अगस्त को समन भेजा था और 14 अगस्त को अपने ऑफिस बुलाया था. 14 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आगमन को लेकर प्रोटोकॉल के तहत पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किया गया था. लेकिन तय समय पर हेमंत सोरेन की जगह उनका एक सीलबंद लिफाफा पहुंचा. यहां ईडी के अधिकारियों को वह लिफाफा सौंपा गया.
जानकारी के अनुसार उम्मीद जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री ईडी दफ्तर आने के लिए और आगे की समय मांगेंगे. इसके बजाय हेमंत सोरेन ने सील बंद लिफाफा भिजवा दिया. यहां यह कौतूहल का विषय रहा कि आखिर सील बंद लिफाफा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या लिखकर भेजा है.
मीडिया की खबरों की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी से आगे और समय मांगने की जगह पत्र भेजकर कानूनी तरीका अपनाने की जानकारी दी है.
इधर, ईडी का समन मिलने के बाद से मुख्यमंत्री द्वारा समय मांगे जाने की सूचना मिल रही थी. सीएम ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित सरकारी समारोहों और इसके लिए तैयारियों की समीक्षा में अपनी व्यवस्तता बताते हुए समय मांगे जाने की चर्चा पहले से ही थी. इसी के मद्देनजर सोमवार को सीएम ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे. उन्होंने कर्मियों के मार्फत सीलबंद लिफाफा ईडी अधिकारियों को भिजवाया. इस लिफाफे में समय की मांग ईडी अधिकारियों से करने की संभावना जतायी है.
खबरों के अनुसार हेमंत सोरेन को सदर थाना में दर्ज एफआईआर को ईसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद इसी मामले में समन किया था. ईडी ने बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापामारी के बाद पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत सूचनाओं को राज्य सरकार के साथ साझा किया था.
इसमें राजस्व कर्मचारी के घर से मिले अंचल कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज, जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ करने सहित अन्य मामलों का उल्लेख किया गया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था. सरकार ने इस अनुरोध के स्वीकार करते हुए सदर थाने में राजस्व कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करायी थी.
ईडी ने हेमंत को समन करने के लिए 13 और 26 अप्रैल, 2023 को की छापामारी के आलोक में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को आधार बनाया है. ईडी ने 13 अप्रैल को छापामारी के दौरान राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के घर से बक्सों में भर कर रखे गये जमीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किये थे. इनमें काट-छांट करने और जालसाजी कर असली मालिक का नाम काट कर दूसरे का नाम लिखने का मामला प्रकाश में आया था.
पहली बार उनसे अवैध खनन में विधायक प्रतिनिधि के घर से मिले उनके नाम के चेकबुक के सिलसिले में पूछताछ की गयी थी. 14 अगस्त को उनसे दस्तावेज में जालसाजीकर रांची में हुई जमीन की खरीद-बिक्री के सिलसिले में पूछताछ करने का अनुमान है. इसके अलावा गलत तरीके से आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री और अवैध कब्जा करने के मामले में भी पूछताछ किये जाने की संभावना है.
ईडी की ओर से मुख्यमंत्री से पूछताछ के जारी किया जानेवाला यह तीसरा समन है. इससे पहले ईडी ने उन्हें अवैध खनन के मामले में छापामरी के दौरान मिले दस्तावेज के आलोक में पूछताछ के लिए समन भेजा था. एक नवंबर, 2022 को जारी किये गये समन में उन्हें तीन नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया गया.
हालांकि, उन्होंने तीन नवंबर को हाजिर होने के बदले अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए स्थापना दिवस 15 नवंबर, 2022 के बाद समय देने का अनुरोध किया था. ईडी ने सीएम के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उन्हें दूसरी बार समन जारी कर 17 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया. इसके बाद सीएम ने पत्र भेज कर 15 नवंबर को अपनी व्यस्तता समाप्त होन के बाद 16 नवंबर को ही पूछताछ के लिए हाजिर होने का अनुरोध किया था. लेकिन, ईडी ने इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए उन्हें 17 नवंबर को ही हाजिर होने का निर्देश दिया था. ईडी ने तीसरी बार आठ अगस्त, 2023 को समन जारी कर उन्हें 14 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया है.