Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव रणविजय सिंह ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड चयन आयोग के परीक्षाओं में द्वितीय पत्र में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषा को शामिल करने का आग्रह किया है.
रणविजय सिंह ने रांची में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के परीक्षाओं के लिए द्वितीय पत्र में भोजपुरी तथा मगही, अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करें.
उन्होंने कहा कि 5 मई 2021 को झारखण्ड कैबिनेट की बैठक में 12 क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर स्वीकृति दी गई. चिन्हित क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाएँ कोयलांचल में व्यापक तौर पर प्रयोग में नहीं लाई जाती, जिसके कारण कुछ अन्य जिलों में छात्रों को झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में समान अवसर नहीं मिल पाएगा.
रणविजय ने कहा कि कोयलांचल में जनसामान्य की भाषा मगही एवं भोजपुरी है, चूंकि कोयलांचल के अलावा पलामू प्रमंडल, चतरा, बोकारो, रांची, कोडरमा, गिरिडीह, गोड्डा एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों में भी मगही एवं भोजपुरी भाषा काफी प्रचलन है. इसलिए इन जिलों के परीक्षार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मगही, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका को द्वितीय पत्र में क्षेत्रीय भाषा में रूप में शामिल करने की दिशा में जरूरी कदम उठाये, जिसमें मेधा निर्धारण में सभी जिले के छात्रों का समान अवसर मिल सके.
बता दें कि पूर्व में भी यूपीए गठबंधन की सरकार ने मगही एवं भोजपुरी के क्षेत्रीय भाषा के रूप में चिन्हित कर शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन कराया था.
संवाददाता सम्मेलन में रमेश सिंह, शिवाधार सिंह, कांग्रेस के युवा नेता चंदन बैठा, भोला पासवान, अरविंद भारती, कांग्रेस के युवा नेता चंदन बैठा, गौरी शंकर महतो, मनोज, बालचंद, शुभम झा उपस्थित थे.