Pravin Kumar/Poonam Kumari
इस भागदौड़ वाली जिंदगी में एक ऐसा पड़ाव आया जहां में बंद कमरों में रहना पड़ा. यह हमारे जीवन को जैसे अस्त-व्यस्त कर दिया. साथ ही इसका फायदा भी हुआ और लोग आत्मनिर्भर बनना सीख गए. बहुत सारी चीजें बदली. बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लॉकडाउन होने की वजह से बहुत से सेक्टर प्रभावित हुए जिसमें से एक एजुकेशन सेक्टर भी है भारत में स्कूल जाने वाले करीब 26 करोड़ छात्र-छात्राएं हैं. जाहिर है, ऑनलाइन क्लासेज के जरिए शहरों में स्कूलों के नए एकेडमिक सेशन शुरू हो गए हैं. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्र छात्राओं इस मामले में कहीं पीछे छूट रहे हैं.
पर सवाल यह है कि क्या ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से स्टूडेंट्स को फायदा हो रहा है या नहीं?
इस दौरान स्टूडेंट्स को ऑनलाइन स्टडी से कितना फायदा हुआ. क्या यह रेगुलर ऑफलाइन क्लासेज से बेहतर था. क्या ऑनलाइन क्लासेज ऑफलाइन स्टडी की जगह ले पाया. इसी संबंध में हमने वैसे स्टूडेंट्स से बात की जो लंबे समय तक ऑनलाइन क्लासेज करने के बाद स्कूल खुदने के बाद दोबारा रेगुलर क्लासेज से जुड़ गए हैं. इन्होंने खुलकर बताया कि ऑनलाइन क्लासेज का एक्सपेरियंस कैसा था और अब रेगुलर क्लासेज करने के बाद क्या अनुभव कर रहे हैं.
10वीं और 12वीं के स्कूलों के खोलना खुलने के बाद बच्चों में बहुत खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है रांची के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान जैसे उर्सलाइन और जेवियर के बच्चों से हमें यह जानने को मिला की कौन सी क्लासेज बेहतर है ऑनलाइन क्लासेज या ऑफलाइन क्लासेज ?
संत जेवियर कॉलेज के स्टूडेंट्स का रिएक्शन
जेवियर के बच्चों से जब पूछा गया कि ऑनलाइन क्लास से ज्यादा लाभदायक है या ऑफलाइन क्लासेस तो बच्चों का कहना था कि ऑनलाइन क्लासेज से बेहतर ऑफलाइन क्लासेस है क्योंकि
- ऑनलाइन क्लासेस में शिक्षकों के सामने ठीक से प्रश्न नहीं पूछ पाते थे.
- आर्थिक रूप से कमजोर है स्मार्ट फोन और इंटरनेट कनेक्शन नहीं है.
- नेटवर्क प्रॉब्लम होता है.
- ऑनलाइन क्लासेस के बहाने मोबाइल में गेम खेलते हैं.
वहीं दूसरी ओर जब उर्सलाइन स्कूल की स्टूडेंट्स से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन क्लासेस में दिक्कतें आती हैं जैसे:-
- क्लास के दौरान आवाज नहीं आना.
- नेटवर्क प्रॉब्लम
- घर पर पढ़ाई का माहौल नहीं मिलना,इत्यादि.
निष्कर्ष:-
इन बच्चों से बात करने के बाद यही निष्कर्ष निकलता है कि ऑफलाइन क्लासेस ऑनलाइन क्लासेस पर हावी है.बच्चों के लिए ऑफलाइन क्लासेस ही बेहतर है क्योंकि ऑफलाइन क्लासेस में उन्हें समझने में दिक्कत नहीं आएगी और वह निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे.