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New Delhi: भारत की राजधानी दिल्ली का नाम आते ही महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगते हैं. निर्भया गैंगरेप के बाद दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता, बता दें कि आए दिन दिल्ली किसी न किसी बालात्कार की खबर को लेकर चर्चा में बनी रहती है. हाल ही में एक ऐसा ही केस सामने आया है जिससे एक बार फिर दिल्ली शर्मसार हो गई हैं.
दिल्ली में फिर सामने आई दिल दहला देने वाली घटना
दरअसल, दिल्ली के संगम विहार में रहने वाली 21 साल की राबिया जो हर रोज सुबह 10:30 बजे अपनी सिविल डिफेंस की वर्दी पहनकर घर से अपने काम पर जाती थी और और शाम 7:30 बजे तक घर पहुंच जाती थी. एक दिन वह घर नहीं लौटी. दरअसल, 28 अगस्त को भी राबिया अपने घर से एसडीएम ऑफिस के लिए निकली लेकिन, रात 8:30 बजे तक घर नहीं पहुंची.
साढ़े आठ बजे तक बेटी घर नहीं आई
राबिया के पिता के अनुसार, साढ़े आठ बजे तक बेटी घर नहीं आई तो हमने उसके नंबर पर कॉल किया. लेकिन, नंबर स्विच ऑफ आ रहा था. जिसके बाद बेटी के ऑफिस पहुंचा और उसके बारे पूछा, जिसके बाद वहां पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि लड़की के इंचार्ज को कोविड के चालान में घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए ले जाया गया है, वो भी वहीं गई है. लड़की को घर पहुंचने में समय लगेगा. जिसके बाद में घर आ गया. जिसके बाद उसकी मां और भाई दोनों उसके दोस्त के घर गए. दोस्त की मां ने मेरी बेटी के साथ काम कर रही एक लड़की से बात करवाई.

चिंता मत करिए, राबिया घर आ जायेगी
उसने भी यही बताया और कहा कि चिंता मत करिए, राबिया घर आ जायेगी, लेकिन रात के 12 बज गए और बेची घर नहीं लौटी. दूसरे दिन 29 अगस्त की सुबह 8 बजे पुलिस की टीम आती है कि आपकी बेटी की बॉडी फरीदाबाद में मिली है, थाने में बुलाया. जिसके बाद मैं, मेरा बेटा और दो लोग हमारे साथ थाने गए. पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति जोकि अपने आपको राबिया का पति बता रहा है, उसने बेटी की हत्या कर दी और बॉडी को यहां पर फेंक दिया.
बॉडी ले जाओ, उसका अंतिम संस्कार कर दो
वहीं जब पिता ने पुलिस से कहा कि मेरी बेटी की शादी नहीं हुई और लड़का झूठ बोल रहा है तब पुलिस ने कहा कि दोनों ने कोर्ट में जाकर शादी की है. यह बात सुनकर मेरे होश उड़ गए. हमने पुलिस से पूछा कि कोई प्रमाण पत्र है, तो पुलिस ने साफ इंकार कर दिया. कहा कि बॉडी ले जाओ, उसका अंतिम संस्कार कर दो.
बॉडी का कोई ऐसा पार्ट नहीं था, जहां पर कट ना हो
इसके बाद पिता ने बताया कि गांव में अंतिम संस्कार के लिए हम बेटी की बाॅडी को लेकर गए और दफनाने से पहले बॉडी को नहलाया जाता है. जब नहलाने वाली महिला आई तब उसने बॉडी को देखा. उसने कहा कि बॉडी बहुत बुरी हालत में है, मैं नहीं नहला सकती. बॉडी का कोई ऐसा पार्ट नहीं था, जहां पर कट ना हो. गुप्त भाग तक को नहीं छोड़ा था. जिसके तुरंत बाद पुलिस को कॉल किया. तब उन्होंने ने कहा कि अंतिम संस्कार करके आ जाओ, तब बता करेंगे. तभी मुझे शक हो गया था कि यह सिर्फ हत्या का मामला नहीं मेरी बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है.
शादी का कोई प्रमाण पत्र नहीं तो मेरी बेटी की शादी कैसे ?
रूबी के पिता का कहना है कि हमें बस इंसाफ चाहिए, हम जानते हैं कि आरोपी को सामने लाकर असल गुनहगारों को बचाने की कोशिश की जा रही है. पिता ने बताया कि बेटी को ड्यूटी ज्वाइन किए केवल तीन महीने ही हुए थे. शुरुआत के 1 महीने बदरपुर में उसकी ड्यूटी लगी थी. जब जॉइनिंग का समय था, तब आरोपी से लड़की की मुलाकात हुई थी. वो वहीं पर काम करता था, और जॉइनिंग के दौरान दस्तावेज जमा करवाने में मदद की थी. एक बार मेरी बेटी ने अपनी मां से उसे मिलवाया था. कभी हमारे घर नहीं आया. ना उसकी शादी मेरी बेटी से हुई है. पुलिस इस पूरे मामले को भटकाने की कोशिश की रही है. जब उसके पास शादी का कोई प्रमाण पत्र नहीं है,तो मेरी बेटी की शादी की बात कैसे कह सकते हैं? बस मेरी बेटी को बदनाम किया जा रहा है.