Ranchi: रांची के मोरहाबादी मैदान के समीप बापू वाटिका के सामने आमरण अनशन पर बैठे जिला पुलिस के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बल पूर्वक कार्रवाई की है. इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों के बैनर पोस्टर फाड़ दिए गए. टेंट उजाड़ दिए गये. उनके सामानों को फेंक दिया गया. इस कार्रवाई में कई अभ्यर्थियों के चोट लगने की भी बात कही जा रही है.
बता दें कि रांची के मोरहाबादी मैदान में बीते 20 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. शुरूआत में ये सभी सिर्फ धरना पर बैठे थे. शुरू के 10 दिनों के आंदोलन के दौरान इनकी सुधी लेने कोई नहीं आया. तब बेरोजगार पुलिस अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया. 5 जवान आमरण अनशन पर बैठ गए. बीते 10 दिनों के आमरण अनशन के दौरान इनकी तबियत भी खराब हुई. कई बार इन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया.

बता दें कि 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन की सरकार के एक साल पूरा होने जा रहा है. रांची के इसी मोरहाबादी मैदान में इसे लेकर बड़ा आयोजन की तैयारी की जा रही है. रांची जिला प्रशासन ने 19 दिसंबर को इसकी सफलता के लिए बैठक भी की. यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस कार्रवाई के पहले रांची जिला प्रशासन ने 18 दिसंबर को ही पूरे मोरहाबादी इलाके में धारा 144 लागू कर दिया है. यहां लोग 5 से अधिक व्यक्ति एक जगह नहीं इकट्ठा हो सकते हैं. धरना, प्रदर्शन और जुलूस पर पाबंदी लगा दी गई है.
इधर नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे सफल अभ्यर्थियों ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना और प्रशासन के बल पर यहां से हटा दिया गया. अभ्यर्थियों ने कहा कि इस कड़कड़ाती ठंड में वह कहां जायेंगे. प्रशासन को हटाना ही था तो दिन में हटा देते. रात के अंधेरे में चुपके से आकर उन्हें यहां से हटा दिया गया. मोरहाबादी में सफल अभ्यर्थियों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

इससे पहले जिला पुलिस के सफल अभ्यर्थियों ने दूसरी मेधा सूची जारी करने की मांग को लेकर मोरहाबादी आंदोलन कर रहे थे. राज्य के अलग-अलग जिलों से आये 50 से ज्यादा सफल अभ्यर्थी पिछले 15 से भी ज्यादा दिनों से अनशन पर बैठे हुए थे और सरकार से पुलिस भर्ती को लेकर दूसरी मेधा सूची जारी करने की मांग कर रहे थे.
बताया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तबतक किसी भी कीमत पर धरना खत्म नहीं करेंगे. सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि या तो सरकार दूसरी मेधा सूची जारी कर उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे या फिर मोरहाबादी मैदान में जीवन लीला समाप्त करने के लिए छोड़ दे.
मालूम हो कि वर्ष 2015 में जिला पुलिस की बहाली हुई थी, जिसमें 7000 पुलिस बल की सीटें निर्धारित थीं. ऐसे में पहली मेधा सूची के अनुसार सरकार की ओर से सिर्फ 4000 सफल अभ्यर्थियों को ही ज्वाइन कराया गया है जबकि अन्य सफल अभ्यर्थी दूसरी मेधा सूची जारी होने का लगातार इंतजार कर रहे हैं.