Ranchi: आठ साल पहले 2015 में रातू रोड स्थित रणधीर टावर अपार्टमेंट में 20 परिवारों ने वालों ने फ्लैट खरीदा था. दो साल यहां सभी लोग ठीक से रहे, लेकिन इसके बाद ही अपार्टमेंट बनाने वाले बिल्डर और यहां फ्लैट लेने वाले लोगों के बीच खटपट शुरू हो गई.
दरअसल, इस अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का कहना है कि जब सभी ने फ्लैट लिया उस वक्त कई काम अधूरे थे. बिल्डर द्वारा एक साल के अंदर सभी काम पूरा करने का वादा किया गया, लेकिन आठ साल बीत गए अब भी रणधीर अपार्टमेंट में न गेट लगाया गया है और न ही पार्किंग एरिया में जाने के लिए रैंप तैयार कराया गया है.
वहीं, अपार्टमेंट के पार्किंग एरिया का बिल्डर द्वारा कॉमर्शियल परपस से इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया, जब अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ बदतमीजी और गाली-गलौज भी की गई. इस संबंध में आवेदन सुखदेव नगर थाना को भी सौंपा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अपार्टमेंट का नक्शा B+G+8 के लिए स्वीकृत है, जबकि बिल्डर ने नौवां तल्ला भी बना लिया है. इसके अलावा अपार्टमेंट का मेन गेट नहीं बनाया गया, यहां फायर फाइटिंग सिस्टम भी नहीं है. बिल्डर ओपन स्पेस में अवैध निर्माण करने का प्रयास कर रहा है.
इसके विरोध में अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने लोकल थाना से लेकर, नगर निगम, नगर विकास विभाग, मुख्यमंत्री सचिवालय, एसीबी एवं लोकायुक्त का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं. लेकिन अबतक यहां रहने वाले लोगों को न्याय नहीं मिला.
अब इन लोगों का कहना है कि यदि बिल्डर ने अपनी मनमानी बंद नहीं की और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोग अपने पूरे परिवार के साथ धरना पर बैठ जाएंगे.
फर्जी साइन से रिवाइज्ड नक्सा पास
अपार्टमेंट के लिए जमीन देने वाले पूर्व लैंड ओनर प्रवीण चौधरी ने कहा कि उनका जाली हस्ताक्षर कराकर आनंद कुमार पार्किंग एरिया और नौवें तल्ले का नक्शा नगर निगम से गलत तरीके से पास कराने का काम किया है, जो पूरी तरह अपराध की श्रेणी में आता है.
लैंड ओनर को इस बात की जानकारी भी नहीं कि नगर निगम में रिवाज्ड नक्शा के लिए आवेदन दिया गया है. जब नगर निगम में आपत्ति दर्ज कराई गई तब इस बात का खुलासा हुआ कि निगम से नक्शा पास हो चुका है. इसमें नगर निगम के अधिकारियों की भी मिलीभगत साफ नजर आती है.
वहीं, अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने कहा कि बिल्डर दबंगई करता है. वह जबरन अपार्टमेंट के खुले एरिया में कंस्ट्रक्शन कर इसका कमर्शियल इस्तेमाल करना चाह रहा है. जबकि एग्रीमेंट में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि अपार्टमेंट के ओपन स्पेस, पार्किंग या आठ फ्लोर के ऊपर कोई कंस्ट्रक्शन नहीं होगा. लेकिन बिल्डर लगातार मनमानी करता आ रहा है.

क्या कहते हैं रणधीर टावर के लोग
फ्लैट के रहने वाले विवेक अग्रवाल ने कहा कि 2017 से ही परेशानी हो रही है. बिल्डर द्वारा पार्किंग एरिया में कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया जाता है. मना करने पर गाली-गलौज और बदतमीजी करता है.
वहीं के रामस्नेह सिंह कहते हैं कि पार्किंग तक जाने के लिए अब तक रैंप का निर्माण नहीं कराया गया. बेसमेंट में पानी भी जमा हो जाता है. वहीं पर बिजली के मीटर लगे हैं. इससे परेशानी हो रही है और हादसा का डर लगा रहा है. बिल्डर ओपन स्पेस को कॉमर्शियल इस्तेमाल करना चाहता है. जो सरासर गलत है.
बिमल झा का कहना है बिल्डर मनमानी कर रहा है. सभी लोग परेशान हैं. बेसमेंट में एक और ग्राउंड फ्लोर में तीन रूम का निर्माण किया गया है, जो अवैध है. नौवे तल्ले में भी अवैध निर्माण किया गया है. जबकि नक्शा और एग्रीमेंट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
रणधीर टावर के पूर्व लैंड ऑनर प्रवीण चौधरी कहते हैं मेरा फर्जी हस्ताक्षर कर बिल्डर आनंद कुमार ने नगर निगम में रिवाइज्ड नक्शा के लिए आवेदन दिया और निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से उसने नक्शा पास भी करा लिया है. यह अपराध है. मैनें इस संदर्भ में लिखित शिकायत दी है.

क्या कहते हैं रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी
रांची नगर निगम के नगर आयुक्त शशि रंजन ने कहा है कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी मुझे नहीं है. इसकी जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होंगे उन पर सख्त कार्रवाई भी किया जाएगा.