Diwali 2023 Laxmi Puja Shubh Muhurta: दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल दिवाली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी. दिवाली के दिन शाम को लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है.
दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है. यह हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. दिवाली का त्योहार प्रकाश और अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों को रंगीन रोशनी से सजाते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं.
दिवाली का महत्व
- अंधकार पर प्रकाश की विजय: दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है. अमावस्या की काली रात में लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं. यह प्रकाश बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
- धन और समृद्धि की प्राप्ति: दिवाली का त्योहार धन और समृद्धि की प्राप्ति का भी प्रतीक है. मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है. इस दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनसे धन और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं.
- नई शुरुआत: दिवाली का त्योहार एक नई शुरुआत का भी प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है.
लक्ष्मी पूजा का महत्व
- धन और समृद्धि की प्राप्ति: मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है. उनकी पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
- पारिवारिक सुख-शांति: मां लक्ष्मी को परिवार की देवी भी माना जाता है. उनकी पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: मां लक्ष्मी की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है. यह प्रकाश, अच्छाई और समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करके धन और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं.
दिवाली 2023 में लक्ष्मी पूजा के दो शुभ मुहूर्त
2023 में दिवाली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन लक्ष्मी पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं:
- प्रथम मुहूर्त: शाम 5:38 बजे से शाम 7:35 बजे तक.
- द्वितीय मुहूर्त: रात्रि 11:35 बजे से रात्रि 12:32 बजे तक
इन दोनों मुहूर्तों में से किसी भी समय लक्ष्मी पूजा की जा सकती है. हालांकि, प्रथम मुहूर्त को अधिक शुभ माना जा रहा है.
प्रथम मुहूर्त की विशेषताएं:
- यह मुहूर्त प्रदोष काल में है, जो लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।
- इस समय में सौभाग्य योग और स्वाती नक्षत्र भी है, जो लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ योग हैं।
द्वितीय मुहूर्त की विशेषताएं:
- यह मुहूर्त महानिशीथ काल में है, जो रात के सबसे अंधेरे समय में होता है. इस समय में लक्ष्मी जी की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है.
इन मुहूर्तों में से किसी भी समय लक्ष्मी पूजा की जा सकती है. हालांकि, प्रदोष काल को लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस समय में पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर
- दीपक, अगरबत्ती, धूप, फूल, मौली, पान, सुपारी, मिठाई, नारियल, चावल, जल
- लक्ष्मी जी का मंत्र
लक्ष्मी पूजा की विधि:
- सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गंगा जल छिड़कें.
- फिर, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें.
- अब, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल, मौली, पान, सुपारी, मिठाई, नारियल, चावल, जल आदि अर्पित करें.
- इसके बाद, लक्ष्मी जी का मंत्र का जाप करें.
- अंत में, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और आरोग्य की कामना करें.
लक्ष्मी पूजा के लाभ:
- लक्ष्मी पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.
- लक्ष्मी पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
- लक्ष्मी पूजा करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

दिवाली के दौरान लक्ष्मी पूजा विधिवत रूप से करना चाहिए. पूजा करने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें. पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें. फिर मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. मां लक्ष्मी को फूल, अक्षत, रोली, मौली, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके बाद मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रार्थना करें.
दिवाली के दौरान लक्ष्मी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है. यह एक शुभ अवसर है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है. लोकल खबर की ओर से सभी को दिवाली की शुभकामनाएं!