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New Delhi: दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 100 दिन से चल रहे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ धरने को हटा दिया गया है.
सोमवार देर रात शाहीन बाग में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच प्रदर्शनकारियों के टेंट हटा दिए गए हैं. धारा-144 की दलील देते हुए पुलिस ने एक घंटे में यह कार्रवाई की। बताया जा रहा है कोराना वायरस के चलते पुलिस चार से पांच लोगों से ज्यादा एक जगह खड़ा नहीं रहने दे रही है.
पुलिस का कहना है कि महिलाओं सहित कई लोगों को रात भर हिरासत में रखा गया. इस दौरान पुलिस ने 6 महिलाओं और 3 पुरुषों को हिरासत में ले लिया.
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हम खुद पीछे हट गए थे, लेकिन पुलिस ने धरना स्थल में बना भारत माता का नक्शा और इंडिया गेट को क्यों हटाया. लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की है.
हालांकि, पूरे शाहीन बाग एरिया में भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी बार-बार मनाने के बावजूद धरनास्थल को साफ नहीं कर रहे थे, जिसके बाद कार्रवाई की गई है.
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कोरोना के खतरे से बचने के लिए की गई कार्रवाई
दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण कई शहर लॉकडाउन में है. दिल्ली भी लॉकडाउन किया गया है. हमने शाहीन बाग के लोगों से अपील की है कि वह प्रदर्शन से हट जाएं. कोरोना वायरस का खतरा यहां पर है. हम लोगों से कह रहे हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से हट जाएं, ताकि लोगों की जान हिफाजत में रहे. किसी को कोई जोखिम नहीं उठाना पड़े, क्योंकि यह बहुत संक्रमण वाली बीमारी है.
आंदोलकारी कई सड़कों को अवरूद्ध कर रखा था
बता दें, सीएए के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिण-पूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा था.
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डीसीपी साउथ ईस्ट का कहना है कि शाहीन बाग में धरना स्थल पर लोगों से अनुरोध किया गया था कि जगह को खाली किया जाए क्योंकि लॉकडाउन किया गया है. लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी बात पर अड़े रहे, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. एक जगह लोगों का इकट्ठा होना गैर-कानूनी था. धरनास्थल को साफ कर दिया गया है. कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले शाहीन बाग में स्थित धरनास्थल पर 22 मार्च को बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है. इसके लिए जगह-जगह पर बैरिकेडिंग भी की गई. इस पर लिखा था, ‘रात 9 बजे के बाद प्रवेश होगा, धरना जारी है.’
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15 दिसंबर से जारी था आंदोलन
CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 101 दिन हो गए थे. धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे. यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी था.