आज, सोशल मीडिया पर #BiharThankModiJi ट्रेंड हो रहा है। इसका कारण है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न की उपाधि दी जाएगी। इस लेख में हम इस महत्वपूर्ण घटना को समझेंगे और इसके सभी पहलुओं पर गहराई से चर्चा करेंगे।
भारत रत्न की घोषणा
राष्ट्रपति सचिवालय ने मंगलवार को कहा कि मरणोपरांत कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि दी जा रही है। इस घटना का ऐलान उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले हुआ, जिसे केंद्र सरकार ने किया। इस घड़ी के बाद से राजनीतिक दलों और नेताओं की तरफ से विवादों में बढ़ोतरी है।
सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों, और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजने की मांग कर रहे थे और इस घड़ी में उन्हें खुशी हुई है।
जीतनराम मांझी का समर्थन
भारतीय आवाम मोर्चा के संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजने का प्रस्ताव पास किया था।
राजद का समर्थन
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के नेतृत्व में राजद ने लम्बे समय से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजने की मांग की थी।
भारत रत्न पाने वाले बिहार की पांचवीं प्रमुख शख्सियत
इस निर्णय के साथ, कर्पूरी ठाकुर बिहार की पांचवीं प्रमुख शख्सियत बनेंगे जिन्हें भारत रत्न की उपाधि मिलेगी। पहले इस गौरव से नवाजे जाने वाले व्यक्ति थे जननायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, और डॉ. अब्दुल कलाम।
जीवनी
कर्पूरी ठाकुर १९१६ में बिहार के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम लक्ष्मीनारायण ठाकुर था और मां का नाम कामायनी देवी था। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की थी और फिर उन्होंने वकालत का पढ़ाई में प्रवेश किया। उन्होंने न्यायालय में अपनी शुरुआती करियर की और फिर राजनीति में कदम रखा।
कर्पूरी ठाकुर को बिहार के एक लोकप्रिय नेता के रूप में माना जाता है और उन्हें जननायक के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल में विकास के कई क्षेत्रों में सुधार किया गया। उनकी योजनाएं और नीतियों ने बिहार के लोगों को लाभान्वित किया और उन्हें एक लोकप्रिय नेता बना दिया।
सामाजिक सेवा
कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन में सामाजिक सेवा का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया। उन्होंने दलितों, पिछड़ों, और गरीबों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की और उन्होंने इन वर्गों के लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का संकल्प किया। उनका यह समर्थन भी उन्हें एक जननायक बनाता है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजने का यह निर्णय एक ऐतिहासिक क्षण है और इससे उन्हें उनके योगदान की महत्वपूर्णता मिल रही है। इससे नहीं सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश में उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जाएगा। इस घड़ी को और भी महत्वपूर्ण बनाने के लिए, हमें उनके योगदान को समझना और उनकी महानता को साझा करना महत्वपूर्ण है। इस घड़ी में हम सभी को एक संगीतरूप साथ चलना चाहिए ताकि हम एक सशक्त और समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।