Tara Shahdeo Love Jihad: जबरन धर्मांतरण, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना मामले में सीबीआई के स्पेशल बेंच ने झारखंड हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है. मामला 2014 के तारा शाहदेव लव जिहाद मामले से जुडा है. इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष अदालत ने रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया है. इसके तुरंत बाद तीनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया.
तारा शाहदेव लव जिहाद मामले में 5 अक्टूबर को फैसला
तारा शाहदेव लव जिहाद (Tara Shahdeo Love Jihad issue) मामले में 9 साल बाद फैसला आने वाला है. तीनों की सजा पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी. सीबीआई ने इस मामले में कुल 26 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए थे. कई सबूत भी कोर्ट के सामने पेश किए गए थे.
बता दें कि तारा शाहदेव ने रंजीत पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद पता चला कि रंजीत पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था.
तारा से शादी के बाद रकीबुल उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया.
हाईकोर्ट के आदेश से सीबीआई ने किया था टेकओवर
ये मामला साल 2014 में पूरे देश में चर्चित हुआ था. इस केस को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेकओवर किया था.
जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार (सतर्कता) मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की. आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप दायर हुए.
इसके बाद से तीनों के खिलाफ लंबा ट्रायल चला. सीबीआई की ओर से की गई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा कोहली उर्फ रकीबुल पर लगाए गए धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना आरोपों को सही बताया गया. कोहली की मां और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को भी इस पूरी साजिश में सहभागी बताया गया.
इस्लाम कबूल करने के लिए किया जाता था प्रताड़ित
शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे. उससे कहते थे कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी सामान्य रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले. उसे सख्त चेतावनी दी गई थी कि वह ‘सिंदूर’ न लगाए, नहीं तो उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे.
तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया. उसे पुलिस के साथ ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.